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हरेली तिहार: छत्तीसगढ़ में उमड़ा कृषि परंपरा और लोकसंस्कृति का उल्लास, मुख्यमंत्री निवास से लेकर गांव तक होंगे विशेष आयोजन 

हरेली तिहार: छत्तीसगढ़ में उमड़ा कृषि परंपरा और लोकसंस्कृति का उल्लास, मुख्यमंत्री निवास से लेकर गांव तक होंगे विशेष आयोजन 

रायपुर |  छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति और कृषि परंपरा का प्रतीक पर्व हरेली तिहार इस वर्ष पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव राजधानी में पारंपरिक अंदाज में इस पर्व को मनाएंगे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी रायपुर स्थित अपने निवास में हर वर्ष की तरह इस बार भी हरेली तिहार का आयोजन करेंगे।

मुख्यमंत्री निवास में होगा विशेष आयोजन, होगी कृषि यंत्रों की पूजा

हरेली पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सुबह 11 बजे अपने निवास सीएम हाउस में आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे परंपरानुसार कृषि यंत्रों और औजारों की पूजा कर प्रदेश के किसानों की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 बजे वे शंकर नगर के हरेली कार्यक्रम में भाग लेंगे और 12:30 बजे ग्राम बगिया रवाना होकर रात्रि विश्राम वहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेली तिहार की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, "हरेली छत्तीसगढ़ की मिट्टी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमारी कृषि संस्कृति, लोक परंपरा और प्रकृति प्रेम का प्रतीक है।" उन्होंने लोगों से इस अवसर पर वृक्षारोपण कर पर्व को और भी सार्थक बनाने की अपील की।

उपमुख्यमंत्री साव मनाएंगे पर्व नवा रायपुर में:

उपमुख्यमंत्री अरुण साव सुबह 10 बजे शासकीय आवास, नवा रायपुर में पारंपरिक तरीके से हरेली तिहार मनाएंगे। कृषि यंत्रों की पूजा कर किसानों की समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों द्वारा गेड़ी नृत्य, राउत नाचा जैसी लोकनृत्य प्रस्तुतियां भी होंगी।

राजनीतिक गलियारों में भी दिखेगा हरेली का रंग

हर वर्ष की तरह इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर स्थित अपने निवास में हरेली तिहार मनाएंगे। सुबह 11 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जहां वे पारंपरिक वेशभूषा में नजर आएंगे और गेड़ी पर चढ़ते दिखेंगे। कांग्रेस के कई विधायक और कार्यकर्ता भी इस आयोजन में शामिल होंगे। कृषि उपकरणों की पूजा के साथ किसानों के लिए मंगलकामना की जाएगी।

महिलाओं की होगी विशेष भागीदारी, सजेगा लोकसंस्कृति का रंगमंच

हरेली तिहार के अवसर पर राजधानी सहित पूरे राज्य में महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिलेगी। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में लोकजीवन की विविध रंगतें, छत्तीसगढ़ी विरासत और प्रकृति के प्रति सम्मान की झलक दिखेगी।


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