रायपुर। छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति के पहले पर्व 'हरेली तिहार' पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में पारंपरिक श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने गौरी-गणेश, नवग्रह की विधिवत पूजा कर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस मौके को और भी खास बनाया भिलाई की ग्रेजुएट युवती धनिष्ठा शर्मा ने। उन्होंने अपने बड़े भाई दिव्य शर्मा के साथ मंत्रोच्चार कर मुख्यमंत्री निवास में भगवान शिव का अभिषेक करवाया। उनकी संस्कारित प्रस्तुति से मुख्यमंत्री और उपस्थित सभी अतिथि मंत्रमुग्ध हो उठे।
कृषि यंत्रों की पूजा से की हरेली पर्व की शुरुआत
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की परंपरा का पालन करते हुए नांगर, रापा, कुदाल जैसे कृषि उपकरणों की पूजा की और प्रदेश के किसानों की समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि हरेली पर्व किसानों और धरती माता से जुड़े हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का उत्सव है।
गाय और बछड़े को खिलाया गया पारंपरिक ‘लोंदी’ और हरा चारा
सीएम साय ने पशुधन संरक्षण का संदेश देते हुए गाय और बछड़े को गेहूं के आटे, नमक और अरंडी के पत्तों से बनी पारंपरिक ‘लोंदी’ खिलाई। उन्होंने बताया कि हरेली के दिन ऐसा करना छत्तीसगढ़ की परंपरा है और यह पशु स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
‘पशु हमारे परिवार का हिस्सा हैं’ – मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “छत्तीसगढ़ की संस्कृति में पशुधन को परिवार का सदस्य माना जाता है। हरेली हमें प्रकृति, पर्यावरण और पशुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर देता है।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपनी परंपराओं से जुड़ें और पशुओं की देखभाल को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रीगण हुए शामिल
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा इन सभी ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी परिवेश में पूजा में भाग लिया और हरेली पर्व की शुभकामनाएं दीं।