भोपाल : सावन माह की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में भक्त महादेव के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे है। इसी कड़ी में उज्जैन में भी आज महाकाल के दर्शन के लिए सुबह से मंदिर के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तो वही परंपरा के अनुसार शाम होते ही बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने के लिए निकले। इस दौरान बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए लोगों के अंदर खासा उत्साह देखने को मिला।
ढोल नगाड़े के साथ महाकाल का स्वागत
बता दें कि सावन के पहले सोमवार को बाबा महाकाल मन महेश स्वरूप में नगर भ्रमण के लिए निकले। इस दौरान भक्तों ने ढोल नगाड़े के साथ महाकाल का स्वागत किया। तो वही श्रावण और भाद्रपद महीने में इस बार अलग-अलग थीम पर कुल 6 सवारी निकाली जाएगी। जिसमे इस बार पहली सवारी की थीम वैदिक उद्घोष रहा।
इन स्वरूपों में भगवान देंगे दर्शन
इस बार सावन की पहली सवारी 14 जुलाई, दूसरी सवारी 21 जुलाई, तीसरी सवारी 28 जुलाई, चौथी सवारी 4 अगस्त, पांचवीं सवारी 11 अगस्त और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। जहां अलग अलग स्वरूप में बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देंगे। बता दें कि पहली शाही सवारी में बाबा महाकाल श्री मनमहेश रूप में दर्शन देंगे। तो वही दूसरी मे श्री चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश, तीसरी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव होगा।
परंपरागत मार्ग से नगर भ्रमण पर निकलें महाकाल
महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से निकलकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी से होती हुई श्री रामघाट पहुंचेगी. जहां मां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और आरती पूजन होगा. इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी.