
रायपुर: राजधानी रायपुर में भीषण आगजनी तथा बारिश के दिनों में बाढ़ एवं जलभराव जैसी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए नगर निगम प्रशासन ने सात साल पहले ब्रिटिश गोडिया कंपनी के दो हाईपॉवर मोटर पंपों को क्रय किया था। ये दोनों पंप को 25-25 लाख कुल 50 लाख रुपए में क्रय किया था। इन पंपों को क्रय किए जाने के बाद इसका इस्तेमाल मात्र एक बार ट्रायल के रूप में किया गया था। इसके बाद से दोनों मोटर पंप दमकल विभाग के कार्यालय में बिना उपयोग के डंप पड़े हुए हैं, जिसके कारण इन दोनों पंप में तकनीकी खराबी आ गई है, जिसके कारण अब संकट की स्थिति में इसका उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा. क्योंकि इन मोटर पंपों को ठीक कराने में ही लाखों रुपए खर्च होंगे। इसे देखते हुए विभाग की ओर से भी इसे सुधारने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
गंभीर स्थिति बनी तो निपटना आसान नहीं होगा:
बारिश के दिनों में अगर जिले में शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं बाढ़ की स्थिति बनती है तो इससे निपटना आसान नहीं होगा। ब्रिटिश कंपनी के दोनों मोटर पंप खराब पड़े हुए हैं। बताया गया कि पंप की एक मिनट में 1700 लीटर पानी निकालने की क्षमता है, जिससे जलभराव या बाढ़ का पानी बहुत तेजी से कम समय में निकाला जा सकता है।
उठाने में दिक्कत, इसलिए इसे ठीक कराने में अधिकारी-कर्मचारियों की भी रुचि नहीं:
गोडिवा कंपनी के मोटर पंप काफी वजनदार है, जिसके कारण इसे उठाना आसान नहीं है। इस पंप का वजन 128 किलोग्राम है, जिसके कारण चार लोग मिलकर इसे उठा पाते हैं। पंप के वजन के कारण विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी इस पंप को बनाने में रुचि नहीं ले रहे हैं, हालांकि इसे सुधारने में लगभग 5 लाख रुपए खर्च आना है। इस कारण से भी पंप को सुधारने के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा जा रहा है।
2017 में खरीदी हुई थी तब से उपयोग नहीं:
ब्रिटिश कंपनी के दोनों मोटर पंप को नगर निगम प्रशासन ने वर्ष 2017 में कय किया था। इसके बाद से दोनों पंप विभाग में बगैर इस्तेमाल के रखे हुए हैं। उपयोग नहीं होने के कारण पंप खराब हो चुके हैं, जिसे सुधारने में लाखों रुपए लग जाएंगे, इसलिए शायद पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो पाया था।
बारिश में शहर से लगे ग्रामों में बन चुकी है बाढ़ की स्थिति:
जून का महीना खत्म होने जा रहा है। सप्ताहमर में जुलाई शुरू हो जाएगा। इस सप्ताहभर में मौसम वैज्ञानिकों ने मानसून के आगमन की संभावना भी जताई। ऐसे में भारी बारिश होने से शहर के अलावा कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलभराव के साथ कहीं-कहीं बाढ़ जैसे हालात भी बनते हैं। पिछले वर्ष शहर से 15 किलोमीटर दूर सेजबहार गांव में बाढ़ की स्थिति बनी थी, जिसके कारण बारिश का पानी घरों के अंदर तक भर गया था। इस दौरान कई परिवार बाढ़ के पानी में घर में फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए एसडीआरएफ को यहां रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा था। यहां तक बाढ़ का पानी कम होने तक प्रभावित परिवारों को दो दिन तक शिविरों में भी रखा गया था। इसके अलावा शहर में भी कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी थी, जिससे निपटने के लिए विभाग की टीम को पहुंचना पड़ा था इन इलाकों में मरे पानी को मोटर पंप से खिंचकर निकाला गया था।