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NHM के 16,000 संविदा कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर, 17 जुलाई को विधानसभा घेराव का ऐलान

NHM के 16,000 संविदा कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर, 17 जुलाई को विधानसभा घेराव का ऐलान

रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारियों ने 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेशभर में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी। हड़ताल में डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, एएनएम, कार्यालयीन स्टाफ और सफाईकर्मी तक शामिल रहेंगे।

अस्पतालों में सेवाएं ठप, 108 एंबुलेंस भी प्रभावित:

108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारी भी इस आंदोलन का हिस्सा होंगे। जिससे आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गंभीर असर पड़ने की आशंका है। मरीजों की जांच, भर्ती, इलाज, टीकाकरण, TB-मलेरिया जैसे रोगों की स्क्रीनिंग, नवजात शिशु देखभाल, पोषण पुनर्वास और आयुष्मान कार्ड केंद्रों की OPD सेवाएं बाधित रहेंगी।

17 जुलाई को विधानसभा घेराव:

संविदा कर्मचारियों ने 10 से 15 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर काम किया और 16 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन की घोषणा की है। वहीं, 17 जुलाई को रायपुर में विधानसभा घेराव किया जाएगा।

20 वर्षों से लंबित हैं मूलभूत मांगें:

छत्तीसगढ़ NHM कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को शुरू हुए दो दशक हो चुके हैं, लेकिन संविदा कर्मचारियों को अभी तक बेहतर वेतन, जॉब सिक्योरिटी, अनुकंपा नियुक्ति, और दुर्घटना बीमा जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी गई हैं।

उन्होंने कहा कि "मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में NHM कर्मचारियों को ये सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक सरकारों ने सिर्फ वादे किए हैं, कार्रवाई कुछ नहीं हुई।"

सरकारें बदलीं, हालात नहीं:

संघ के महासचिव कौशलेश तिवारी ने बताया कि "2017 में भाजपा सरकार के दौरान आंदोलन हुआ, 2020 में कांग्रेस सरकार आई तब भी आश्वासन मिला पर कुछ नहीं बदला। अब भाजपा की फिर से सरकार आई है, लेकिन ‘मोदी की गारंटी’ के बावजूद संविदा कर्मचारियों की स्थिति जस की तस है।"

अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी:

संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो यह दो दिवसीय हड़ताल अनिश्चितकालीन आंदोलन में बदल सकती है।

अध्यक्ष डॉ. मिरी ने हड़ताल से जनता को हो रही असुविधा पर खेद जताया, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

प्रमुख मांगें:

समान वेतन और जॉब सिक्योरिटी

दुर्घटना बीमा और अनुकंपा नियुक्ति

राज्य सेवा में समायोजन

सेवा शर्तों में स्थायित्व


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