Brij Bhushan Singh On WFI Elections: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 12 अगस्त को होंगे और इसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। उन्होंने खुद नामांकन दाखिल नहीं किया है और उनके परिवार का भी कोई सदस्य नहीं है जो डब्ल्यूएफआई के चुनाव में दावेदारी करेगा। लेकिन उन्होंने बताया कि उनके गुट को 22 राज्य संघों का समर्थन है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण ने दावा किया है कि उनकी मेजबानी में हुई बैठक में 25 राज्य इकाइयों में से 22 ने हिस्सा लिया है और उन्हीं के नामांकन की घोषणा सोमवार (31 जुलाई) को होगी।
इसके अलावा, बृजभूषण सोमवार (31 जुलाई) को डब्ल्यूएफआई चुनावों के लिए नामांकन के अंतिम दिन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के कार्यालय गए और उन्होंने बताया कि अधिकांश राज्य संघों के सदस्य उनकी विशेष बैठक में शामिल होने आए थे और उन्हें अब अपना नामांकन भरने जाना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उनके परिवार का कोई सदस्य नामांकन के लिए उपलब्ध नहीं है और उन्हें पहले चुनाव होने देने की अनुमति दी जाए और फिर जो भी जीतता है, वह अपना काम करेगा।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव 12 अगस्त को होंगे और इसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। बृजभूषण सिंह, जो वर्तमान में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष हैं, चुनावों में फिर से खुद को चुनावी प्रक्रिया में नामांकित नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार का भी कोई सदस्य उन चुनावों में दावेदारी प्रस्तुत नहीं करेगा। डब्ल्यूएफआई के नियमों के अनुसार, जो भी अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार होता है, उसको राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत निर्धारित अधिकतम समय तक पद पर बने रहने का मौका मिलता है, जो 12 साल का होता है। इसलिए, बृजभूषण सिंह का पद अभी तक सुरक्षित है।
इस चुनाव में बृजभूषण के खिलाफ प्रमुख पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन भी किया था। इसलिए वे चुनाव में दावेदारी नहीं कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण ने भी दावा किया कि उनकी प्रतिष्ठा के साथ, उनके परिवार का कोई सदस्य इस चुनाव में भाग नहीं लेगा। इसका पालन करते हुए, उनके बेटे करण भी मतदाता सूची में शामिल नहीं है। इससे भाजपा के वादे का पालन हुआ और उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव में उम्मीदवार नहीं होगा।
बृजभूषण के उम्मीदवारों को चुनौती मिलेगी क्योंकि उनके विरोधी गुट के द्वारा अन्य उम्मीदवार भी इस चुनाव में शामिल हो रहे हैं। ये विरोधी गुट असम, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश के राज्य इकाइयों से जुड़े हैं और वे कथित तौर पर विभिन्न स्थानों पर बैठक कर रहे हैं.