मनीष बागड़ी, नीमच : नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र की सुवाखेड़ा तहसील में जमीन से जुड़े कथित फर्जीवाड़े का मामला अब गंभीर मोड़ ले चुका है। न्याय न मिलने से टूटे किसान कमलेश डांगी ने बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे सुवाखेड़ा श्मशान के पास लगे मोबाइल टावर पर चढ़कर विरोध जताया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
किसान का आरोप
किसान कमलेश डांगी का आरोप है कि कुछ लोगों ने सुनियोजित साजिश के तहत उसके नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी कृषि भूमि अन्य व्यक्तियों को बेच दी। इस कथित फर्जी सौदे में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ, लेकिन लंबे समय तक उसे इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। जब जमीन के सौदे का खुलासा हुआ और उसने संबंधित लोगों से जवाब मांगा, तो न तो रकम वापस की गई और न ही संतोषजनक जवाब मिला।
किसान को मिल रही धमकियां
पीड़ित किसान का यह भी कहना है कि मामले को उजागर करने के बाद से उसे और उसके परिवार को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान से जूझ रहे किसान ने प्रशासनिक स्तर पर कई बार शिकायतें कीं, लेकिन कार्रवाई न होने से वह खुद को असहाय महसूस करने लगा। इसी हताशा में उसने जान जोखिम में डालकर मोबाइल टावर पर चढ़ने जैसा कदम उठा लिया।
मौके पर पुलिस प्रशासन
घटना की सूचना मिलते ही जावद थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रशासन और पुलिस की टीम किसान को सुरक्षित नीचे उतारने और समझाइश देने में जुटी हुई है। टावर के नीचे बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए हैं, जिससे क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
समझाइश के बाद उतरा किसान
किसान सुबह करीब 5.30 बजे टावर पर चढ़ा था। करीब 11 बजे एसडीएम, एसडीओपी और थाना प्रभारी की समझाइश के बाद वह सकुशल नीचे उतरा। पीड़ित का आरोप है कि उसकी करीब 11 बीघा जमीन की बिक्री में उसके साथ धोखाधड़ी हुई और करीब 64 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया। किसान आठ वर्षों से शिकायत कर रहा था। जावद एसडीएम प्रीति संघीव ने मामले की जांच के लिए जांच दल गठित किया है। प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।