US GDP Growth: अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। जुलाई से सितंबर (तीसरी तिमाही) के दौरान अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.3% की वार्षिक दर से बढ़ा, जो पिछले दो वर्षों में सबसे तेज़ वृद्धि मानी जा रही है।यह आंकड़ा न सिर्फ दूसरी तिमाही की 3.8% ग्रोथ से ज्यादा है, बल्कि रॉयटर्स पोल में अर्थशास्त्रियों के 3.3% अनुमान को भी काफी पीछे छोड़ता है।
Donald Trump का दावा: टैरिफ नीतियों का नतीजा है मजबूत GDP
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस शानदार आर्थिक प्रदर्शन का श्रेय अपनी टैरिफ (आयात शुल्क) नीतियों को दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा “अभी घोषित किए गए अमेरिका के शानदार आर्थिक आंकड़ों के लिए टैरिफ जिम्मेदार हैं। ये आंकड़े आगे और बेहतर होंगे। कोई महंगाई नहीं और राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है।” ट्रंप का मानना है कि टैरिफ ने अमेरिकी उद्योगों को मजबूती दी और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिला।
GDP में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी:
GDP में तेजी के पीछे कौन-से कारक रहे अहम वाणिज्य विभाग के Bureau of Economic Analysis (BEA) की रिपोर्ट के अनुसार, GDP में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी के पीछे कई बड़े कारण रहे। निर्यात में मजबूती, जिससे अमेरिका का व्यापार घाटा कम हुआ सरकारी खर्च में इजाफा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उपकरणों में निवेश उपभोक्ता खर्च में लगभग एक साल की सबसे तेज बढ़ोतरी लोगों ने इस दौरान वाहनों, मनोरंजन से जुड़े सामान और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर ज्यादा खर्च किया।
एक्सपर्ट्स की राय: ग्रोथ मजबूत, लेकिन तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं
रॉयटर्स से बातचीत में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यह खर्च बढ़ोतरी मुख्य रूप से उच्च आय वर्ग द्वारा संचालित है। शेयर बाजार में तेजी के कारण उनकी संपत्ति बढ़ी, जिससे खर्च करने की क्षमता मजबूत हुई। वहीं दूसरी ओर मध्यम और निम्न आय वर्ग ऊंची महंगाई से प्रभावित रहा, साथ ही रोजमर्रा की जरूरतों के खर्च में कटौती देखने को मिली है। कुछ विशेषज्ञों ने आयात शुल्क (Tariffs) को भी महंगाई की एक वजह बताया है।
महंगाई और सरकारी शटडाउन की चिंता बरकरार
हालांकि GDP आंकड़े मजबूत हैं, लेकिन चुनौतियां भी बनी हुई हैं। तीसरी तिमाही में महंगाई में तेजी देखने को मिली है, यह रिपोर्ट 43 दिनों के संघीय सरकारी शटडाउन के कारण देर से आई है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, आंकड़े थोड़े पुराने जरूर हैं, लेकिन ट्रेंड महत्वपूर्ण है।
अब क्या फेडरल रिज़र्व घटाएगा ब्याज दरें:
मजबूत GDP आंकड़ों के बाद Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कमजोर होती दिख रही है। BMO Capital Markets के वरिष्ठ अर्थशास्त्री Sal Guatieri के अनुसार “ये GDP आंकड़े 28 जनवरी को फेड की दर कटौती की संभावना को काफी हद तक कम कर देते हैं और आगे भी नीति में ढील पर सवाल खड़े करते हैं।”
ट्रंप की इकोनॉमी पर फिर लौटी दुनिया की नजर:
अमेरिका की तेज़ आर्थिक वृद्धि ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था में US की भूमिका को मजबूत किया है। जहां ट्रंप इसे अपनी नीतियों की जीत बता रहे हैं, वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्राउंड लेवल पर महंगाई और असमान खर्च अभी भी बड़ी चुनौती है। आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि यह ग्रोथ टिकाऊ रहती है या नहीं।