Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। राजधानी ढाका में दंगाइयों ने खुलेआम हिंसा करते हुए देश के दो प्रमुख मीडिया संस्थानों ‘द डेली स्टार’ और ‘प्रथम आलो’ के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान दर्जनों पत्रकार जान बचाने के लिए घंटों तक मौत के साये में फंसे रहे।
न्यूज़रूम से छत तक: 28 पत्रकारों की सांसें थमीं
घटना कारवान बाज़ार स्थित ‘द डेली स्टार’ कार्यालय की है। हिंसा की आशंका मिलने पर न्यूज़रूम में मौजूद स्टाफ ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन तब तक दंगाइयों की भीड़ निचली मंजिलों तक पहुंच चुकी थी। भीड़ ने तोड़फोड़ के बाद ग्राउंड फ्लोर पर आग लगा दी, जिससे पूरे भवन में धुएं का गुबार भर गया और बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया। स्थिति बिगड़ते देख 28 पत्रकार 9वीं मंजिल की छत पर शरण लेने को मजबूर हो गए, जहां उन्होंने करीब तीन घंटे तक जान बचाने के लिए संघर्ष किया।
नीचे जलती आग, ऊपर दंगाइयों का खतरा
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक कैंटीन वर्कर ने बाहर लगी फायर-एग्जिट सीढ़ी से नीचे उतरने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने उसे पकड़कर बेरहमी से पीटा। इसके बाद किसी और ने उतरने की हिम्मत नहीं की। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिश की। फायर सर्विस के चार कर्मी छत पर फंसे पत्रकारों तक पहुंचे, लेकिन नीचे जारी तोड़फोड़ और आग के कारण पत्रकार नीचे उतरने से डरते रहे।
जब दंगाई छत तक पहुंच गए
स्थिति तब और भयावह हो गई जब कुछ हमलावर छत पर पहुंच गए और दरवाज़ा पीटने लगे। घबराए पत्रकारों और फायर फाइटर्स ने छत पर रखे गमलों और सामान से दरवाज़ा रोकने की कोशिश की। इसी दौरान एडिटर्स काउंसिल के अध्यक्ष नूरुल कबीर और प्रसिद्ध फोटोग्राफर शाहिदुल आलम ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन नूरुल कबीर के साथ बदसलूकी की गई।
आखिरकार सुरक्षित निकासी, लेकिन न्यूज़रूम राख
काफी मशक्कत के बाद फायर-एग्जिट सीढ़ियों से पत्रकारों को पीछे के रास्ते से सुरक्षित बाहर निकाला गया। एक पत्रकार ने कहा “हम खुशकिस्मत थे, एक बड़ी आपदा से बच गए। मुझे नहीं पता देश किस दिशा में जा रहा है।” इस हमले में ‘द डेली स्टार’ का पूरा न्यूज़रूम जलकर खाक हो गया। हालात को देखते हुए अखबार समूह ने फिलहाल प्रिंट और डिजिटल प्रकाशन रोकने का फैसला लिया है।
मोहम्मद यूनुस का राष्ट्र के नाम संदेश
घटना के बाद बांग्लादेश के मुख्य प्रशासक मोहम्मद यूनुस ने देश को संबोधित करते हुए कहा “इस क्रूर हत्या और हिंसा में शामिल सभी अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरती जाएगी।” उन्होंने कहा कि उस्मान हादी लोकतंत्र के पक्षधर थे और डर व आतंक के जरिए देश की प्रगति को नहीं रोका जा सकता।
उस्मान हादी की मौत से भड़का उबाल
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को उस्मान हादी को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद से बांग्लादेश में हिंसा और अशांति फैल गई है।