Sydney Beach Shooting: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रविवार (14 दिसंबर 2025) को सिडनी के प्रसिद्ध बोंडी बीच पर आयोजित यहूदी पर्व हनुका के समारोह के दौरान अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस मास शूटिंग में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 11 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। रविवार होने और त्योहार के चलते बीच पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। इसी दौरान दो हथियारबंद हमलावरों ने अचानक भीड़ पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा 50 राउंड तक चली गोलियां:
घटना के चश्मदीदों के अनुसार, काले कपड़ों में दो हमलावर राइफल या शॉटगन से लैस थे। लोगों ने 12 से 50 राउंड तक गोलियों की आवाज सुनने की बात कही है। कैंपबेल परेड के पास कई लोग जमीन पर गिरे हुए नजर आए।यह हमला शाम करीब 6:30 से 6:45 बजे (स्थानीय समय) के बीच हुआ, जब ‘Chanukah by the Sea’ नामक कार्यक्रम चल रहा था।
पुलिस ने चलाया बड़ा ऑपरेशन:
पुलिस ने दोनों हमलावर को हिरासत में लेने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया था, घटना की सूचना मिलते ही NSW पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को घेर लिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिकएक हमलावर को पुलिस ने गोली मारी है।दूसरा आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है इसके साथ ही इस पूरे इलाके को सील कर दिया गया, हेलिकॉप्टर, एंबुलेंस और इमरजेंसी टीमें तैनात है, पुलिस ने आम लोगों से घटनास्थल के आसपास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
NSW Police का आधिकारिक बयान:
NSW पुलिस फोर्स ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा “बोंडी बीच पर हुई गोलीबारी में 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में एक हमलावर भी शामिल है। 11 लोग घायल हैं, जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए अभियान जारी है।”
PM एंथनी अल्बनीज ने जताया गहरा दुख:
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा “बोंडी बीच से आ रही तस्वीरें बेहद चौंकाने वाली और दुखद हैं। पुलिस और इमरजेंसी सर्विसेज जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। मेरी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने लोगों से NSW पुलिस के निर्देशों का पालन करने की अपील की। Sydney Beach Shooting की यह घटना ऑस्ट्रेलिया के इतिहास की सबसे गंभीर सार्वजनिक हिंसा की घटनाओं में से एक मानी जा रही है। यह हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ाता है।