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खोस्त में पाकिस्तान की बमबारी: 9 मासूम बच्चों समेत 10 नागरिकों की मौत, सीमा तनाव पर उठे बड़े सवाल...

खोस्त में पाकिस्तान की बमबारी: 9 मासूम बच्चों समेत 10 नागरिकों की मौत, सीमा तनाव पर उठे बड़े सवाल...

Pakistan Bombing Afghanistan: अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत का गुरबुज जिला 25 नवंबर की रात उस समय मातम में डूब गया जब पाकिस्तान वायुसेना द्वारा की गई बमबारी में एक ही परिवार के 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई। कतार में खोदी गई नन्ही-नन्ही कब्रें इस त्रासदी का मर्मस्पर्शी सबूत बन गईं।

आधी रात की बमबारी:

स्थानीय लोगों के अनुसार, हमला आधी रात को हुआ, जब सभी अपने घरों में गहरी नींद में थे। इस हमले में घर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया और एक ही परिवार के 10 सदस्य मारे गए। मारे गए बच्चों में मोहिबुल्लाह, होजबुल्लाह, शम्सुल्लाह, असदुल्लाह, दादुल्लाह, पलवासा, आइसा, शामिल थे इसके अलावा आसिया (3 वर्ष) और  आलिया (1 माह) इसके अलावा रजिया नामक बच्ची की भी मौत हुई।  चश्मदीदों ने बताया कि दो छोटे बच्चे ही किसी तरह जिंदा बच सके।

गुरबुज जिला रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र:

गुरबुज जिला खोस्त प्रांत के दक्षिण-पूर्व में स्थित है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से सटा हुआ है। यह पहाड़ी और घने जंगलों वाला क्षेत्र रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। खोस्त में लगभग 6.48 लाख की आबादी रहती है, जिनमें 99% लोग पश्तून और सुन्नी मुस्लिम हैं।

मलबे में दबी थीं लाशें:

चश्मदीदों ने बताया कि “लाशें मलबे में दबी थीं, चीखें आज भी गूंज रही हैं” हमले के बाद घटनास्थल पर पहुंचे वलीउर रहमान ने कहा “अंधेरा घना था, हर तरफ चीखें थीं। बच्चे और महिलाएं मलबे में दबी हुई थीं कुछ घायल, कुछ बेदम।” रिश्तेदारों ने बताया कि यह परिवार बिल्कुल निर्दोष था और किसी तरह की लड़ाई में शामिल नहीं था। परिजनों ने कहा कि, 'यह इंसानियत के खिलाफ जुल्म है' मारे गए बच्चों और महिलाओं के परिजनों ने पाकिस्तान के इस कदम को अमानवीय बताया। अब्दुल अलीम ने कहा कि “हम आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। दुनिया को पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराना चाहिए।” अकबर जान ने जोड़ा कि पाकिस्तान झूठा प्रचार करता है कि अफगान लोग उसके क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे हैं, जबकि असल में पीड़ा मासूम अफगानों को झेलनी पड़ रही है।

“हम सिर्फ जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं”: पाकिस्तान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अफगान तालिबान से किसी प्रकार की उम्मीद नहीं रखता और सुरक्षा के लिए कार्रवाई करता है। उन्होंने दावा किया कि पाक सेना अनुशासित है और नागरिकों को निशाना नहीं बनाती। हालाँकि, मारे गए मासूम बच्चों की तस्वीरें इन दावों पर सवाल खड़े करती हैं।

सीमा तनाव की घटना शांति की कोशिशें बेअसर:

दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की अब तक की तीन कोशिशें असफल रही हैं। खोस्त की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि सीमा विवाद और संघर्षों का सबसे बड़ा खामियाजा निर्दोष नागरिकों और मासूम बच्चों को भुगतना पड़ता है। खोस्त की बमबारी ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि क्षेत्रीय तनाव की आग में सबसे पहले और सबसे ज्यादा आम लोग झुलसते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हस्तक्षेप और संवाद की बहाली ही इन मौतों को रोकने का एकमात्र रास्ता है।


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