'Mastermind' of Pahalgam attack: नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा और निर्णायक खुलासा किया है। एजेंसी ने अपनी ताजा चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित आतंकी साजिद जट्ट को इस हमले का ‘मुख्य साजिशकर्ता’ करार दिया है। जांच में सामने आया है कि साजिद जट्ट लश्कर-ए-तैयबा का सीनियर कमांडर है और उसी के इशारों पर उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस खून-खराबे को अंजाम दिया। इस आतंकी पर लगभग 10 लाख रुपए का इनाम है। इस जांच में NIA ने 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिसके चलते उन्होंने आतंकी नेटवर्क पर शिकंजा कसा है। बतादें कि इसमें स्थानीय मददगारों की भी अहम भूमिका सामने आई है। 22 अप्रैल को हुए इस भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसकी जिम्मेदारी TRF ने खुद ली थी।
कौन है साजिद जट्ट:
चार्जशीट के मुताबिक, साजिद जट्ट उर्फ सैफुल्लाह पाकिस्तान में बैठकर घाटी में आतंक फैलाने की साजिशें रचता रहा है। वह लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय और अनुभवी कमांडर है, जिसे सीमा पार बैठे उसके आकाओं का पूरा समर्थन हासिल है। NIA का कहना है कि जट्ट एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के जरिए टारगेट चुनता था, हमले का समय तय करता था, हथियार और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था कराता था।
TRF लश्कर का मुखौटा:
NIA की जांच में यह साफ हुआ है कि TRF कोई स्वतंत्र संगठन नहीं, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का ही प्रॉक्सी नेटवर्क है। 2019 में TRF को जानबूझकर एक ‘स्थानीय कश्मीरी संगठन’ के तौर पर खड़ा किया गया, ताकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को पाक-साफ दिखा सके, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के दबाव से बचा जा सके, जांच एजेंसी ने पाकिस्तान की उस रणनीति की भी पोल खोली है, जिसके तहत वह दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करता रहा है।
चार्जशीट में पाकिस्तान की सीधी भूमिका के सबूत:
NIA ने जम्मू की विशेष अदालत में 1,597 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। इसमें आतंकियों के पाकिस्तानी हैंडलर्स टेरर फंडिंग के रास्ते सीमा पार से मिले निर्देश और हमले की पूरी साजिश से जुड़े ठोस सबूत शामिल किए गए हैं। एजेंसी के मुताबिक, यह चार्जशीट पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता की पुष्टि करती है।
कितने आरोपी, किस-किस पर आरोप:
NIA ने इस मामले में कुल 7 आरोपियों को नामजद किया है। इसके अलावा, प्रतिबंधित संगठन LeT-TRF को भी एक Legal Entity के तौर पर आरोपी बनाया गया है।
मारे गए आतंकी:
चार्जशीट में उन तीन पाकिस्तानी आतंकियों के नाम भी शामिल हैं, जो जुलाई में दाचीगाम में ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान मारे गए फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान, हमजा अफगानी, गिरफ्तार स्थानीय मददगार, परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथत इन दोनों को आतंकियों को पनाह देने के आरोप में 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया कि हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर से जुड़े थे।
‘भारत के खिलाफ युद्ध’ की धाराएं:
NIA ने आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) आर्म्स एक्ट की गंभीर धाराएं लगाई हैं। सबसे अहम बात यह है कि एजेंसी ने इन पर ‘भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ की धारा भी जोड़ी है, जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है।
आठ महीने की वैज्ञानिक जांच का नतीजा:
NIA का कहना है कि करीब आठ महीने तक चली बारीक, तकनीकी और वैज्ञानिक जांच के बाद यह चार्जशीट तैयार की गई है। एजेंसी का दावा है कि उसने सीमा पार से रची गई इस आतंकी साजिश की हर कड़ी को जोड़कर अदालत के सामने रखा है। पहलगाम आतंकी हमले पर NIA की यह चार्जशीट न सिर्फ साजिद जट्ट और TRF की असलियत उजागर करती है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की भूमिका कितनी गहरी और सुनियोजित है। आने वाले समय में यह मामला भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए भी अहम साबित हो सकता है।