होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
अध्यात्म
मनोरंजन
सेहत
जॉब अलर्ट
जरा हटके
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

Dhar Bhojshala : धार भोजशाला में हुआ सत्याग्रह, किया हनुमान चालीसा और कीर्तन

Dhar Bhojshala : धार भोजशाला में हुआ सत्याग्रह, किया हनुमान चालीसा और कीर्तन

लोकेश ब्राईट, धार : ऐतिहासिक भोजशाला परिसर में मंगलवार को नियमित सत्याग्रह का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सत्याग्रह के दौरान मां वाग्देवी की पूजा-अर्चना की गई, हनुमान चालीसा का पाठ हुआ और भजन-कीर्तन से धार्मिक वातावरण बना रहा। यह सत्याग्रह भोजशाला की मुक्ति और मां वाग्देवी की स्थापना की मांग को लेकर वर्ष 2004 से लगातार किया जा रहा है।

संत और पुजारी हुए शामिल

इस मौके पर उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी भी विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने सत्याग्रह को संबोधित करते हुए संत समाज की भूमिका पर सवाल उठाए और उन्हें अपने कर्तव्यों का स्मरण कराया।

आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपील

महेश पुजारी ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अखाड़ा परंपरा की नींव रखी थी, जो आज 13 अखाड़ों के रूप में मौजूद है। इन अखाड़ों का दायित्व था कि जब भी सनातन धर्म, उसके मंदिरों, अवशेषों या धार्मिक व्यवस्थाओं पर संकट आए, तब संत और अखाड़े आगे आकर संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश आज कई संत अपने मठों तक सीमित होकर रह गए हैं और अपने कर्तव्य से विमुख हो गए हैं। उन्होंने सभी संतों से आग्रह किया कि वे भोजशाला आंदोलन से जुड़ें, यहां आकर बैठें और इस आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाएं, ताकि इस पवित्र स्थल को प्रतिदिन पूजन के लिए सुरक्षित और स्वतंत्र कराया जा सके।

बढ़ी प्रशासन की चुनौती

बता दें कि आगामी 23 जनवरी को बसंत पंचमी का पर्व है और इस दिन शुक्रवार भी है। प्रशासनिक आदेश के अनुसार बसंत पंचमी पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदू समाज भोजशाला में मां वाग्देवी सरस्वती का जन्मोत्सव, पूजन और हवन करता है। इसके साथ ही प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ और मां वाग्देवी का पूजन-अर्चन किया जाता है।

वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को मुस्लिम समाज द्वारा दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक जुम्मे की नमाज अदा की जाती है। ऐसे में इस बार बसंत पंचमी और शुक्रवार एक ही दिन पड़ने से प्रशासन के सामने आदेशों का पालन कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है। स्थिति को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है।


संबंधित समाचार