राजेश सोनी, डबरा : राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के तत्वावधान में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय अंतर-महाविद्यालयीन पुरुष हैंडबॉल प्रतियोगिता में ग्वालियर नोडल (RJIT) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विजेता खिताब अपने नाम किया। प्रतियोगिता का आयोजन ज्ञान सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सागर में किया गया, जिसमें प्रदेश के विभिन्न संभागों की टीमों ने भाग लिया।
प्रदेशभर की टीमों ने लिया हिस्सा
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भोपाल, उज्जैन, सागर, इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर संभागों की टीमों ने सहभागिता की। सभी मुकाबले बेहद रोमांचक रहे और खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट खेल भावना का परिचय दिया। टूर्नामेंट के दौरान ग्वालियर नोडल (RJIT) और भोपाल संभाग की टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर फाइनल में जगह बनाई।
फाइनल में भोपाल को हराया
फाइनल मुकाबला ग्वालियर नोडल (RJIT) और भोपाल संभाग के बीच खेला गया, जिसमें ग्वालियर नोडल की टीम ने दमदार खेल दिखाते हुए भोपाल को पराजित कर मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय पुरुष हैंडबॉल प्रतियोगिता का विजेता बनने का गौरव हासिल किया।
टीम प्रबंधन का अहम योगदान
टीम की इस सफलता में रणबीर सिंह, स्पोर्ट्स ऑफिसर, RJIT और श्री सोनू बघेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दोनों ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया और उनका उत्साहवर्धन करते रहे, जिसका सकारात्मक असर टीम के प्रदर्शन में देखने को मिला।
वेस्ट जोन प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों का चयन
प्रतियोगिता के समापन के बाद आगामी वेस्ट जोन प्रतियोगिता के लिए ग्वालियर नोडल (RJIT) से पुरुष वर्ग के 7 खिलाड़ियों और महिला वर्ग की टीम के लिए 3 खिलाड़ियों का चयन किया गया। चयनित खिलाड़ी आगे विश्वविद्यालय और राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रबंधन और प्रशासन ने दी बधाई
इस अवसर पर बीएसएफ अकादमी टेकनपुर के डायरेक्टर एवं आरजेआईटी के वाइस चेयरमैन डॉ. शमशेर सिंह, आईपीएस (ADG) ने विजेता टीम को बधाई देते हुए कहा कि खेल अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करते हैं। राज्य स्तर पर यह उपलब्धि विद्यार्थियों की मेहनत और संकल्प का प्रमाण है। वहीं मनीष चंद्र, कमांडेंट CSMT एवं OSD–RJIT, ने कहा कि संस्थान छात्रों को खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करता रहेगा। आरजेआईटी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत कुमार जैन ने भी विजेता टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सफलता खिलाड़ियों की निरंतर मेहनत और संस्थागत समर्थन का परिणाम है।