Mock Drill: 5 दशक के बाद देश में कल होगा Mock Drill, MP के इन 5 शहरों को परिक्षण के लिए किया चयनित, तैयारी शुरू

Mock Drill: 5 दशक के बाद देश में कल होगा Mock Drill, MP के इन 5 शहरों को परिक्षण के लिए किया चयनित, तैयारी शुरू

भोपाल : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश में जहां आक्रोश है। तो वही दूसरी तरफ भरता लगातार जवाबी करवाई कर रहा है। इसी कड़ी में कल यानि की 7 मई को कई राज्यों में मॉक ड्रिल करवाने के निर्देश सरकार द्वारा जारी किये गए है। यह मॉक ड्रिल देश के कुल 244 जिलों में करवाया जाएगा। जिसको लेकर सेना की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है। 

साल 1971 में पहली बार हुआ था Mock Drill

यह मॉकड्रिल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के भी जिले शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, वाराणसी, चंदौली, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, झांसी और प्रयागराज सहित अन्य जिलों में मॉकड्रिल किया जाएगा। बता दें कि  5 दशकों के बाद यह पहली बार है कि देश में इतने बड़े पैमाने में सिविल डिफेंस कर्मियों की ओर से मॉक ड्रिल कराया जा रहा है. इससे पहले साल 1971 में भारत- पाकिस्तान के बीच छिड़े जंग के समय ही इतने बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल कराया गया था.कहा जा रहा है कि कल होने वाला मॉक ड्रिल अब तक का सबसे बड़ा युद्ध से पहले का मॉक ड्रिल होगा। 

एजेंसियों की तैयारियों और तालमेल की होगी जांच 

यह मॉकड्रिल मध्य प्रदेश के भी 5 शहरों में किया जाएगा। जिसमे  इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना जिले शामिल है। अभी यह एस ओ पी नहीं है। युद्ध के दौरान जो खतरे होते हैं उससे समाज को अवगत कराया जाएगा। सायरन बजेगा। उस समय आपको क्या करना है इससे शिक्षित करने का काम किया जाएगा। मॉक ड्रिल कल से प्रारंभ होगा। उनके लिए आज शाम को फिर से गृह मंत्रालय निर्देश दिए जाएंगे। किसकी क्या भूमिका होगी इसके संबंध में चर्चा होगी। इधर, मॉक ड्रिल करने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ड्रिल विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों और तालमेल की जांच के लिए जरूरी है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे मॉक मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन का सहयोग करें और घबराएं नहीं। 

मॉक ड्रिल में इन बातों पर किया जाएगा फोकस

1. हवाई हमले के सायरन की जांच और उसके प्रति जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. हमले की स्थिति में नागरिकों और छात्रों को अलर्ट करना।
3. हवाई हमले के दौरान ब्लैकआउट यानी लाइट बंद करने का अभ्यास।
4. दुश्मन के विमानों से बचाव के लिए संयंत्रों को ढंकने और छुपाने की ट्रेनिंग।
5. हमले के संभावित स्थानों को खाली कराने का रिहर्सल।


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