गोलियों की आवाज से बाघ कर रहे बस्तर से पलायन, उदंती-सीतानदी बना पनाहगाह

गोलियों की आवाज से बाघ कर रहे बस्तर से पलायन, उदंती-सीतानदी बना पनाहगाह

रायपुर : कभी बाघ से गुलजार रहने वाला उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पिछले तीन साल से बाघ की आमद की राह ताक रहा था। इसी दौरान बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल ऑपरेशन के बीच बाघ बस्तर से निकलकर सुरक्षित रहवास की तलाश में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पहुंच रहे हैं। पिछले महीने ट्रैप कैमरा में एक बाघ ट्रैप होने के बाद हाल के दिनों में एक और बाघ के पगमार्क मिलने की पुष्टि यूएसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन ने की है। एक और बाघ के पग मार्क मिलने के बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने ट्रैप कैमरे की मदद से बाघ की जानकारी जुटाने की कोशिश तेज कर दी है।

बाघ के पग मार्क मिलने की पुष्टि हुई:

यूएसटीआर में वर्ष 2022 में एक बाघ दिखा था। उस बाघ के तेलंगाना से जगदलपुर के रास्ते उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पहुंचने की एनटीसीए ने पुष्टि की थी। इसके बाद से यूएसटीआर में बाघ का किसी भी प्रकार का मूवमेंट नहीं रहा है। पिछले महीने 28 मई को ट्रैप कैमरा में एक बाघ दिखा था। वह बाघ अभी भी यूएसटीआर के जंगल में विचरण कर रहा है। 28 मई को बाघ दिखने के बाद पिछले दिनों यूएसटीआर में एक जगह और बाघ के पग मार्क मिलने की पुष्टि हुई है।

इस वजह से भी बस्तर से पलायन: 

बस्तर के जंगलों में इन दिनों फोर्स के साथ नक्सलियों की आवाजाही पहले की तुलना में ज्यादा हो गई है। इसके अलावा दोनों तरफ से एक दूसरे पर जबरदस्त फायरिंग की जा रही है। गोलियों की आवाज से भी बाघों के परेशान होकर अपनी मांद से निकलकर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में यूएसटीआर पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

प्रे-बेस की व्यवस्था सुधरने से मिलेगा लाभ: 

यूरसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार क्षेत्र में शिकारियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही वनों को अवैध कब्जा से मुक्त कराया गया है। इसके चलते यूएसटी आर में शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या बढ़ने के साथ पानी की व्यवस्था में सुधार हुआ है। पर्याप्त प्रे-बेस तथा पानी की व्यवस्था होने से बाघों के स्थायी रूप से रुकने की संभावना पहले की तुलना में ज्यादा है।

मिलान करने के बाद दूसरे बाघ की पुष्टि: 

यूएसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार दूसरे बाघ के पम मार्क मिलने के बाद लगा कि पूर्व में दिखे बाघ के पग मार्क होंगे। पूर्व में मिले बाघ के पम मार्क के साथ नए मिले पग मार्क का मिलान किया गया, तो यह अलग होना पाया गया। इसके बाद क्षेत्र में दो बाघों के मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अफसर के अनुसार दूसरे बाघ के मूवमेंट के बारे में जानकारी जुटाने ट्रैप कैमरा लगाए गए हैं।

इस वजह से आ रहे बाघ: 

जिस क्षेत्र में इसानों का मूवमेंट ज्यादा होता है. उस क्षेत्र से बाघ सुरक्षित जगह की तलाश में निकल जाते हैं। बस्तर के बीजापुर सहित अन्य क्षेत्रों में इन दिनों बड़े पैमाने पर नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके कारण घने जंगलों में फोर्स के साथ नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ गया है। इसके चलते बाघ सुरक्षित ठिकाने की तलाश में बस्तर के बीजापुर से पलायन कर यूएसटी आर के जंगल पहुंच रहे हैं।

इंद्रावती से गढ़चिरौली तक कॉरिडोर: 

बस्तर से लेकर यूएसटी आर एक बाघों का बड़ा कॉरिडोर रहा है। बाघ बस्तर तथा महाराष्ट्र के गढ़‌चिरौली, इंदावती टाइगर रिजर्व होते हुए उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व तक पहुंचते हैं। पूर्व में ट्रैप कैमरा में कैद बाघ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के रास्ते उदंती-सीतानदी टाइगर रजर्व में आने की पुष्टि हुई है। दूसरे बाघ की भी उसी रास्ते से आने की यूएसटीआर के डिप्टी डायरेक्टर ने संभावना व्यक्त की है।


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