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जानें COVID शॉट लगवाने पर आपकी बॉडी के अंदर क्या होता है और वैक्सीन की दूसरी डोज लेना क्यों है जरूरी

जानें COVID शॉट लगवाने पर आपकी बॉडी के अंदर क्या होता है और वैक्सीन की दूसरी डोज लेना क्यों है जरूरी

कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन (Vaccination) कराना बहुत जरूरी है, सभी देशों की सरकारें कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है, ताकि वह जल्द ही वैक्सीन सेंटर (Vaccine Center) जाकर वैक्सीन लगवाएं। भारत की बात करें तो यहां 65 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है और लगभग 15 करोड़ लोग दोनों डोज ले चुके हैं। हालांकि अभी भी लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, क्योंकि वैक्सीनेशन (Vaccination) के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स (Side Effects) देखने को मिल रहे हैं, जिसकी वजह से लोग कोविड का टीका (Covid Vaccine) नहीं लगवाना चाहते हैं। आपकी चिंता को दूर करने के लिए यहां बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन के बाद आपके शरीर के अंदर क्या होता है और कुछ लोगों में यह साइड इफेक्ट्स क्यों नजर आते हैं।

जानकारी के मुताबिक, वैक्सीनेशन (Vaccination) एक ऐसी प्रक्रिया है, जो इम्यूनिटी (Immunity) को बढ़ाती है और भविष्य में होने वाले संक्रमण (Infection) से लड़ती है। वैक्सीन (Vaccines) में कुछ ऐसे बैक्टीरिया या परजीवी होते हैं जो कोविड 19 के इनफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। जब वैक्सीन को शरीर में लगाया जाता है तो टीके में मौजूद एजेंट्स कोशिकाओं और टिसूज में पहुंच जाते हैं। शरीर में कुछ 'डेंड्रिटिक' (Dendritic) कोशिकाएं होती हैं, जिनका काम शरीर में बाहर से आने वाले (intruders) को मॉनिटर करना होता है। पेट्रोलिंग सेल (Patrolling cells) इसे पहले कभी नहीं देखे गए एजेंट को नोटिस करते हैं और शरीर को इसके खिलाफ अलार्म देते हैं।

भारत में कोविशील्ड और को-वैक्सिन को टीके की दोनों खुराक लेना जरूरी होता है। पहला शॉट शरीर में न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडी बनाता है, वहीं दूसरा शॉट अल्पकालिक सुरक्षात्मक एंटीबॉडी के अलावा शरीर को दीर्घकालिक स्मृति कोशिकाओं (Long term Memory Cells)को बनाने में मदद करता है। इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज लेना बहुत जरूरी है। सिंगल डो़ज से कोविड से फाइट करना मुश्किल हो जाएगा।
 


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