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Doctors' Day- अपना काम खत्म करने के बाद ऊपर वाले को पूजते हैं धरती के भगवान

Doctors' Day- अपना काम खत्म करने के बाद ऊपर वाले को पूजते हैं धरती के भगवान

कोरिया। जिन डॉक्टरों को हम धरती का भगवान कहते है। वही धरती के भगवान मरीज की सलामती के लिए ऊपर वाले से दुआ करते है। हम उनको भगवान कहते है वो ऊपर वाले से मरीज की सेहत की दुआ मांगते है। ये धरती के भगवान मरीज को मौत के मुंह से खींचकर ले आते हैं। आज मेडिकल साइंस इतनी ज्यादा तरक्की कर चुका है, कि 95 फीसद बीमारियों का इलाज हो पाना मुमकिन है। फिर भी डॉक्टर ये मानते है कि ऊपर वाले कि दुआ भी दवा जितना असर करती है।

कोई करता है आराधना तो कोई अरदास कोई पढ़ता है कुरान

हिंदू डॉक्टर आराधना करता है, मुस्लिम कुरान पढ़ता है और दुआएं मांगता है, क्रिश्चियन प्रेयर करता है और सिख अरदास करते है। कहीं न कहीं ये भी मानते हैं कि इनके ऊपर भी एक शक्ति है, जो इन्हें शक्ति प्रदान करती है। इसलिए तो डॉक्टर जब हार जाते हैं तो कहते हैं-अब आप दुआ कीजिए, प्रार्थना कीजिए।

अस्पताल के मंदिर है गवाह

कोरिया जिले के नागपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व जनकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंदिर है। वहीं कई निजी अस्पतालों में भी छोटे मंदिर है। डॉक्टरों का कहना है, कि अस्पताल में मंदिर होने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इन अस्पतालों में स्थित मंदिरों में रोज डॉक्टर हाजिरी लगाते है।

कोई धर्म नही होता

डॉक्टर्स का कोई धर्म नहीं होता है। उनके लिए सभी धर्म, सभी जाति के मरीज सामान हैं। वे जाति-धर्म देखकर इलाज नहीं करते। यही इस पेशे की अच्छी और सबसे खास बात है। इनकी पहली सर्वोच्च प्राथमिकता मरीज की जान बचाना है। डॉक्टरी करने से पहले शपथ इसी बात की दिलाई जाती है।

डॉक्टर्स के आस्था की कहानी उन्ही की जुबानी

अस्पताल में सरस्वती पूजा

जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉक्टर आर के रमन कहते है। वे अस्पताल में प्रवेश करने से पहले अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन सरस्वती मंदिर में माथा टेकते है। वे भगवान पर विश्वास करते हैं। ऑपरेशन शुरू करने से पहले भगवान को नमन करते हैं। उन्होंने कहा- कई बार जब हम ऑपरेशन कर रहे होते हैं, शरीर के जिस अंग तक पहुंचना होता है, उस रास्ते में कई और डिसीज मिल जाती हैं। डॉक्टर रमन ने बताया कि वे अस्पताल में हर साल सरस्वती पूजा आयोजित करवाते है।

कोई भी नास्तिक नहीं

नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ ही मनेन्द्रगढ़ के विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल कहते है कि कोई भी व्यक्ति नास्तिक नहीं हो सकता, खासकर डॉक्टर। मैं रोजाना भगवान की पूजा के बाद अपना रूटीन शुरू करता हूं। ओटी के पहले हम सब अपने-अपने भगवान को याद करते हैं और कहते हैं कि आप हमें शक्ति प्रदान करें, ताकि हम सफल हो सकें। हम यह भी कहते हैं अब हमने अपना काम कर दिया है, आगे आपकी ही मर्जी।

हमारा 100 फीसदी बाकी ऊपर वाला है

केंद्रीय चिकित्सालय में सीएमओ के पद पर पदस्थ डॉ. जी कौर सिख हैं। वे कहती है कि मैं जब भी कोई ऑपरेशन करती हूं तो वाहेगुरु के साथ ही हर ईश्वर को याद करती हूं। लोग भले हमे धरती का भगवान कहते है लेकिन असली भगवान ऊपर वाला है। हम अपना 100 फीसदी करते है बाकी ऊपर वाला है।


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