रायपुर। छत्तीसगढ़ में कार्ययरत 13000 स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी जो कि एनएचएम, एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अंतर्गत कार्ययरत है। उन्होंने नियमितीकरण की मांग दोहराते हुए शासन से मांग की है कि विगत 15 वर्षों से कार्ययरत कर्मीयों का नियमितीकरण किया जाएं। अभी कोरोना काल में इन्ही कर्मियों के द्वारा अग्रिम पंक्ति पर कार्य करते हुए, जहां शासन प्रशासन का पूरा सहयोग 24 घंटे तत्पर रहते हुए किया है। लेकिन इनकी मांगो के प्रति शासन अब भी उदासीन रवैया अपनाएं हुए है। वर्तमान में सरकार ने 2100 नियमित पदों की भर्ती निकाली है। जिसमें एएनएम, स्टाफ नर्स, आर एम ए, लैब तकनीशियन के पद है। जबकि वर्तमान में एनएचएम में 2226 एएनएम, 623 लैब तकनीशियन, 889 स्टाफ नर्स, 550 आरएमए कार्ययरत है।
सरकार के घोषणा पत्र में लिखा गया है कि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाएगा। इसके विपरीत सरकार के द्वारा संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित न करते हुए नवीन भर्ती प्रक्रिया जारी की।वही विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य ने जो नित नए उचाइयां छुई है उसमें सर्वाधिक योगदान इन्ही कर्मियों का है। जिसके लिए सरकार को केंद्र स्तर पर कई पुरस्कार मिले है। ये कर्मी स्वास्थ्य के सभी क्षेत्रों मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, चिराय योजना, लेप्रोसी, टी बी, एड्स कंट्रोल, मलेरिया, एनसीडी आदि सभी प्रोग्राम का प्रभावी संचालन कर रहे है।
बता दें की छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष हेमन्त सिन्हा ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर नियमितिकरण की मांग की है और कहा कि नियमितीकरण ही कोरोना योद्धाओं का सम्मान होगा। आज भी आधे वेतन पर 13000 स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी कार्य करने के लिए मजबूर है। न तो इनके पास जॉब सिक्योरिटी है नही किसी भी प्रकार का चिकित्सकीय भत्ता, अवकाश की पात्रता जिससे विषम परिस्थियों में कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है और बहुंत से लोग अपनी आधी से ज्यादा उम्र संविदा कार्य पर दे चुके और इसका सिर्फ एक उपाय है। सरकार को घोषणा पत्र के वायदों को पूरा करते हुए इन 13000 कर्मचारियों को नियमित करे जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को किसी भी प्रकार का वित्तिय बोझ नहीं आएगा।
वही संघ के प्रांतीय पदाधिकारी राखी शर्मा, कौशलेश तिवारी, मिथलेश वर्मा, तथा रायगढ़ जिलाध्यक्ष आनंद मिरी, बस्तर अध्यक्ष राजेंद्र नेताम, राजनांदगांव अध्यक्ष संतोष बघेल, महासमुंद अध्यक्ष गोपाल खूंटे, रायपुर जिलाध्यक्ष जुबैदा परवीन, बलौदाबाजार जिलाध्यक्ष आशा यादव, अम्बिकापुर अध्यक्ष सत्यप्रकाश सिंह, दंतेवाड़ा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, नारायणपुर अध्यक्ष प्रदीप, सुकमा अध्यक्ष, सूरजपुर अध्यक्ष संतु कुमार, जांजगीर अध्यक्ष विजय निर्मलकर, बिलासपुर अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल सहित सभी जिलाध्यक्षों ने नियमितीकरण नहीं करने की दशा में व्यापक विरोध प्रदर्शन की बात कही है।