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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सौम्या चौरसिया को कोर्ट में किया गया पेश, ED को 2 दिन की मिली रिमांड

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सौम्या चौरसिया को कोर्ट में किया गया पेश, ED को 2 दिन की मिली रिमांड

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद बुधवार को उन्हें रायपुर की विशेष PMLA अदालत में पेश किया गया।

ED ने मांगी 3 दिन की रिमांड

कोर्ट में पेशी के दौरान ED ने सौम्या चौरसिया से आगे की पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ईडी को सौम्या चौरसिया की 2 दिन की मिली रिमांड है।

डिजिटल सबूत और बयानों के आधार पर गिरफ्तारी

ED का दावा है कि जांच के दौरान शराब और कोयला घोटाले से जुड़े अहम वित्तीय लेन-देन और डिजिटल साक्ष्य सामने आए हैं। लक्ष्मीनारायण बंसल और तांत्रिक केके श्रीवास्तव के बयानों के साथ-साथ डिजिटल सबूतों के आधार पर सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी की गई है।

115 करोड़ रुपये सौम्या तक पहुंचने का आरोप

ED के रिमांड आवेदन में कहा गया है कि घोटाले की रकम में से करीब 115 करोड़ रुपये लक्ष्मीनारायण बंसल के माध्यम से सौम्या चौरसिया तक पहुंचे। वहीं, केके श्रीवास्तव की पूछताछ में 72 करोड़ रुपये हवाला के जरिए ट्रांसफर किए जाने का खुलासा हुआ है।

कोयला घोटाले की जांच के दौरान मिली एक डायरी में 43 करोड़ रुपये का उल्लेख भी सामने आया है, जिसका संबंध शराब घोटाले से जोड़ा जा रहा है। इस डायरी में अनवर ढेबर और पूर्व IAS अनिल टुटेजा के नाम दर्ज बताए गए हैं।

शराब घोटाले का पूरा खेल

ED के अनुसार, वर्ष 2019 से 2023 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शराब नीति में बदलाव कर चुनिंदा कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। लाइसेंस की शर्तें इस तरह तय की गईं कि केवल कुछ कंपनियां ही बाजार पर कब्जा कर सकें।

आरोप है कि नोएडा की एक फर्म से फर्जी होलोग्राम बनवाकर महंगी शराब सरकारी दुकानों के जरिए बेची गई। नकली होलोग्राम के कारण बिक्री का रिकॉर्ड सरकारी सिस्टम में दर्ज नहीं हुआ और बिना एक्साइज ड्यूटी चुकाए शराब बेची गई, जिससे सरकार को करीब 2165 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

पहले भी जेल जा चुकी हैं सौम्या चौरसिया

सौम्या चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रह चुकी हैं। वे इससे पहले कोयला घोटाले में भी आरोपी रही हैं और मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिली थी, जिसमें राज्य से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था। शराब घोटाले में यह उनकी नई गिरफ्तारी है।

पहले से जेल में हैं कई बड़े नाम

इस घोटाले में पहले ही पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर सहित कई बड़े नाम गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।


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