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Chhattisgarh: झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन कारण 18 वर्षीय युवती की मौत, पुत्री के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, झोलाछाप डॉक्टर फरार 

Chhattisgarh: झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन कारण 18 वर्षीय युवती की मौत, पुत्री के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, झोलाछाप डॉक्टर फरार 

Chhattisgarh: एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन के कारण पूर्णिमा यादव नामक 18 वर्षीय युवती की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के परिजनों के आरोप पर कार्रवाई की और पोस्टमार्टम करवाई। मृतक पूर्णिमा यादव के पिता ललित यादव ने बताया कि पिछले दिनों से पुत्री की कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत हो रही थी। उन्होंने बैंक काम के दिन पुत्री को साथ ले जाने का निर्णय लिया ताकि डॉक्टर से उसका इलाज करा सकें।

पुत्री को एक निजी डॉक्टर के क्लिनिक में ले गए गए और उन्होंने डॉक्टर से सिरप की मांग की। डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाने की सलाह दी और कहा कि इंजेक्शन से उसे तुरंत ताकत मिलेगी। इसके बाद डॉक्टर ने पुत्री को इंजेक्शन दे दिया। जैसे ही यह इंजेक्शन लगा, पुत्री को चक्कर आने लगे और वह अचेत हो गई।

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इसके बाद, डॉक्टर ने पुत्री के परिजनों से पांच हजार रुपए लेकर अम्बिकापुर ले जाने की सलाह दी और उन्हें बताया कि वहां अस्पताल में इलाज कराएं। परिजनों ने तुरंत डॉक्टर को पैसे दिए और अम्बिकापुर शहर के निजी अस्पताल में पुत्री को ले गए। हालांकि, जब डॉक्टरों ने पुत्री का स्वास्थ्य जांचा, तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मृतिका के परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर राजखुंटे के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है और इस मामले को अम्बिकापुर पुलिस के सामने लाया है। झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या गांवों में तेजी से बढ़ रही है और इसके चलते ग्रामीण इलाकों में भी दसवीं फेल लोग खुद को डॉक्टर बता रहे हैं और अवैध रूप से क्लिनिक खोल रहे हैं। ये अवैध डॉक्टर न केवल मरीजों की जान को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि मरीज के परिजनों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। पहले भी इस तरह की शिकायतों पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्रवाई की गई है, लेकिन इसके बावजूद फर्जी डॉक्टरों के हौसले बढ़ रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया है कि अवैध प्रैक्टिस करने वाले नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई होगी, जब ऐसी शिकायतें विभाग के पहुंचती हैं। पहले से ही ऐसे मामलों पर कार्रवाई हुई है, और अगर किसी की मौत गलत इलाज के कारण होती है और अवैध क्लिनिक संबंधित हो, तो उस पर जांच की जाएगी।

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