bhopal railway station news : भोपाल स्टेशन में लगे नलों से प्लेटफार्म पर बह रहा पानी, निकासी की जगह नहीं

bhopal railway station news : भोपाल स्टेशन में लगे नलों से प्लेटफार्म पर बह रहा पानी, निकासी की जगह नहीं

भोपाल। यूं तो रेलवे ने यात्रियों के लिए भोपाल स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म से लेकर 6 नंबर प्लेटफार्म तक पानी के लिए लगभग 40 से अधिक चौकोर नल की व्यवस्था की है । लेकिन रेलवे नल से निकलने वाले जल की निकासी बनाना भूल गया है। इसी कारण जब यात्री नल से जल बॉटल में भरते हैं, या पीते हैं तो नीचे गिरने वाला पानी वहीं भर जाता है, जिसके कारण वहां गंदगी फैलने लगती है। हर बार रेलवे स्वच्छता की अलख जगाने कई बड़े आयोजन तो करता है लेकिन छोटी-छोटी गलतियों को नजरंदाज करता है, जिसकी भरपाई यात्रियों को करनी पड़ती है।

नल तो लगाए गए पर पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई 

भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म एक से लेकर छह नंबर प्लेटफार्म पर लगे नल के पास निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यात्रियों को भी काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा रहा है। जिससे प्लेटफार्म पर ही पानी भरा रहता है, पानी भराव से गंदगी प्लेटफार्म के चारों और गंदगी फैल रही है। यह हाल सभी प्लेटफार्म का है, जहां लगभग 40 से अधिक नल लगाए गए हैं, जिसमें पानी की निकासी ही नहीं है।

बीमारी का खतरा


रेलवे स्टेशन इन दिनों बदहाली का शिकार होता जा रहा है। यहां पटरियों व प्लेटफार्म पर गंदा पानी बहता रहता है। अंदर से निकलने वाला यह गंदा पानी रेलवे स्टेशन के पटरियों के सामने काफी दिनों से भरा है। यहां आने जाने वाले यात्रियों को बदबू के बीच स्टेशन पर बैठना पड़ रहा है। इस गंदे पानी से यात्रियों को बीमारी का खतरा भी बना हुआ है। प्लेटफार्म पर ही खाने-पीने के लिए कई दुकान हैं। पानी की बदबू इन दुकान तक पहुंचती है, जिससे यहां खाने-पीने के लिए आने वाले लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जीएम सहित अधिकारियों ने किया था भोपाल स्टेशन का दौरा

पिछले दिनो पमरे की जीएम ने भोपाल स्टेशन का दौरा किया था। और इस तरह की कमियों को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया था लेकिन आज तक  नलों के पानी की निकासी का  का सुधार देखने को नही मिला है।

ट्रेनों में पानी ओवर फ्लो होने से प्लेटफार्म पर आ रहा  

भोपाल स्टेशन पर आने वाली ज्यादातर ट्रेनों में वाटर सप्लाई की जाती है। लेकिन ट्रेनों में पानी भरने के बाद भी बंद नहीं किया जाता है, जिससे ओवर फ्लो होने से प्लेटफार्म पर ही पानी बहने लगता है। वहीं, कई बार तो ट्रेन जाने के बाद भी सप्लाई लाइन से पानी पटरियों पर बहता है। पटरियों से लगी नालियों को भी चौड़ा करने के जगह पतली कर दी गई है।


संबंधित समाचार