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अनिल को 3084 करोड़ रुपए का झटका, घर से दफ्तर तक सब अटैच, जानिए किन-किन शहरों में फ्रीज हुई प्रॉपर्टी...

अनिल को 3084 करोड़ रुपए का झटका, घर से दफ्तर तक सब अटैच, जानिए किन-किन शहरों में फ्रीज हुई प्रॉपर्टी...

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत 3084 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्तियों को कुर्क करने के लिए चार अनंतिम आदेश जारी किए थे। इन संपत्तियों में अंबानी (66) का मुंबई के पाली हिल स्थित घर और उनके समूह की कंपनियों की अन्य आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल हैं। दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर का एक भूखंड तथा राष्ट्रीय राजधानी, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और पूर्वी गोदावरी में कई अन्य संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं।

संपत्तियों का कुल मूल्य इतने करोड़:

मुंबई में चर्चगेट की 'नागिन महल' बिल्डिंग में ऑफिस, नोएडा में बीएचए मिलेनियम अपार्टमेंट्स और हैदराबाद में कैमस कैप्री अपार्टमेंट्स उन संपत्तियों में से हैं, जिन्हें ईडी ने फिलहाल कुर्क किया है। सूत्रों के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 3,084 करोड़ रुपए है। यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन की कथित हेराफेरी और धनशोधन से संबंधित है। यस बैंक ने 2017 से 2019 के दौरान आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया।

ईडी ने अनिल पर कसा शिकंजा:

केंद्रीय एजेंसी ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से ज्यादा प्रॉपर्टीज को अटैच कर दिया है। वहीं ईडी ने अनिल अंबानी पर शिकंजा कसा है। प्रॉपर्टीज में अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर भी है। अटैच की गई प्रॉपर्टीज की कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह कार्रवाई धनशोधन मामले में की गई है, जिसमें यस बैंक से लिए लोन का फंड डायवर्जन का मामला शामिल है।

किन शहरों में फ्रीज हुई प्रॉपर्टी:

ईडी का यह एक्शन पीएमएलए के तहत हुआ है। एजेंसी ने 31 अक्टूबर 2025 को जारी किए आदेश में पीएमएलए के सेक्शन 5 (1) का जिक्र किया है। गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, मुंबई, पुणे, थाने, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम् और ईस्ट गोदावरी है। बता दें, ईडी ने ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक प्रॉपर्टीज को फ्रीज किया है। जिसकी कीमत 3084 करोड़ रुपए है। क्या है ईडी का आरोप प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि जरूरी जांच और व्यक्तिगत मीटिंग को किनारे करते हुए यह फंड जारी किए गए हैं। कई मामालों में एप्लीकेशन, अप्रूवल और एग्रीमेंट एक ही दिन में पूरा कर लिया गया है। वहीं, पैसो लोन पास होने से पहले ट्रांसफर कर दिया गया है।

क्या है मामला:

यह पूरा मामला 2017 से 2019 के बीच का है। यस बैंक ने इस दौरान रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड में 2965 करोड़ रुपए और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड में 2045 करोड़ रुपए का निवेश किया था। आरोप है कि रिलायंस होमफाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड ने जो फंड इकट्ठा किया उसका गलत उपयोग किया गया है। रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड पर 1353.50 करोड़ रुपए और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड का 1984 करोड़ रुपए का बकाया अब भी है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि अनिल अंबीकी ग्रुप की कंपनियों में रिलायंस निप्पन फंड द्वारा प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति नहीं थी। इसमें म्यूचुअल अपनी जांच में पाया कि अनिल अंबी की ग्रुप की कंपनियों में रिलायंस निप्पन फंड द्वारा प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति नहीं थी। इसमें म्यूचुअल फंड के हितों के टकराव की बात सामने आ रही थी। जिसकी वजह से अनुमति नहीं मिली थी। इन प्रतिबंधों से बचने के लिए म्यूचुअल फंड से जुटाए लोगों के पैसों को कथित तौर पर यस बैंक के जरिए अनिल अंबानी की कंपनियों तक पहुंचाया गया था। जांच में पता चला की यस बैंक के जरिए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए लोने के जरिए पैसा मिला।


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