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Amrit Yojana : चार सौ करोड़ रुपए में रुकेगा बड़े तालाब में मिलने वाला गंदा पानी

Amrit Yojana : चार सौ करोड़ रुपए में रुकेगा बड़े तालाब में मिलने वाला गंदा पानी

भोपाल। अमृत योजना के तहत नगर निगम 1009 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है, जिसमें से अकेले चार सौ करोड़ रुपए बड़े तालाब में मिलने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए खर्च किए जाएंगे। इस बात को लेकर हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने आपत्ति दर्ज कराई, उन्होंने कहा कि शहर के सीवेज प्लॉन पर यह राशि खर्च होनी चाहिए। विधायक ने कलियासोत नदी को लेकर कहा कि जिस नदी में दो लाेटा पानी नहीं है, उसको लेकर नगर निगम आए दिन किनारे बसे रहवासियों को नोटिस जारी कर देता है। 

यह बात मंगलवार को संभाग कमिश्नर दफ्तर में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में रखी गई। बैठक में भोपाल, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और सीहोर जिले के जनप्रतिनिधियों सहित अफसर मौजूद रहे। हुजूर विधायक ने राजधानी के सीवेज प्लान तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अलग अलग काम होने से पैसे की बर्बादी होती है। अमृत योजना 2 के तहत 1009 करोड़ के टेंडर जल्द से जल्द लगाने की बात कही।

 उन्होंने बड़े तालाब के लिए 400 करोड़ स्वीकृत करने पर भी आपत्ति दर्ज कराई। शर्मा ने कहा कि बड़े तालाब को गंदे पानी से बचाव के लिए अलग से फंड स्वीकृत कराया जाए। अमृत योजना का पैसा सीवेज कार्य में ही खर्च हो। विधायक ने कलियासोत नदी का मुद्दा भी उठाया। इस पर एसीएस ने कहा कि क्या नदी है। शर्मा ने कहा कि जिस नदी में दो लोटा पानी नहीं है, उसे लेकर हर 4 से 5 महीने में नगर निगम नोटिस जारी कर देता है। यह नोटिस तब जारी किए जा रहे हैं, जब रहवासियों के पास निर्माण की सभी अनुमतियां हैं। एसीएस ने ऐसे प्रकरणों पर विचार करने के निर्देश दिए।

महापौर बोलीं, रेरा ने अटकाए निर्माण

महापौर ने रेरा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रेरा की वजह से कई निर्माण अटक गए हैं। एसीएस ने सभी की बातों को सुनने के बाद भरोसा दिलाया कि इन पर जल्द निर्णय लिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रत्येक माह विधायकों के साथ बैठक कर कार्यो की समीक्षा करें। 

यह भी रखे सुझाव

आदमपुर छावनी कचरा खंती की वजह से आसपास के गांवों का जल प्रदूषित हो गया है। यहां घोड़ापछाड़ डेम से पेयजल की आपूर्ति की जाए। 
अमृत योजना 2 के अंतर्गत पेय जल योजना के टेंडर जल्द जारी किए जाएं। 
खराब सड़कों की मरम्मत के लिए सभी संबंधित विभाग कार्य तेजी से करें। 

एसीएस बोले, जल्द तैयार करें मास्टर प्लान

एसीएस ने भोपाल स्मार्ट सिटी क्षेत्र में भू-विक्रय की समस्याओं को शीघ्र दूर कर भूमि विक्रय की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश  कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को दिए। उन्होंने कहा कि भोपाल के मास्टर प्लान के संबंध में उन्होंने ग्रीन एरिया, फॉरेस्ट, जल स्त्रोत, उद्यान, रहवासी क्षेत्र एवं औद्योगिक क्षेत्र में संतुलन स्थापित कर जल्द से जल्द मास्टर प्लान जारी करने के निर्देश भी दिए।

स्मार्ट सिटी के मकानों में निकल रहा मेंटेंनेंस 

दक्षिण पश्चिम विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के मकान अलॉट नहीं किए जा रहे हैं। अब इनमें मेंटेंनेंस निकलने लगा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पश्चिम विधानसभा में 50-60 साल पहले डाली गई सीवेज और पेयजल की लाइनें जर्जर हो गई हैं। उन्होंने सातों विधानसभाओं में अलग अलग पांच-पांच हजार पीएम आवास बनाने की बात रखी। 


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