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Period Blood Color Signs: PERIODS के रंग खोलते है सेहत से जुड़े कई राज, भूलकर भी न करें नजर अंदाज

Period Blood Color Signs: PERIODS के रंग खोलते है सेहत से जुड़े कई राज, भूलकर भी न करें नजर अंदाज

महिलाओं को हर माह आने वाले पीरियड्स एक नैचुरल प्रक्रिया है। जो हर माह सभी वर्ग की महिलाओं और युवती को आता है। यह साइकिल कई महिलाओं में पांच से सात दिन तक रहता है, तो वहीं कुछ को सिर्फ तीन से चार दिन तक ब्लीडिंग होती है। लेकिन क्या आप जानते है कि पीरियड्स का कलर सिर्फ लाल नहीं होता। बल्कि भूरा, काला और गुलाबी भी होता है। जो की सीधी तौर पर सेहत से जुड़े राज खोलते है। पीरियड्स का कलर  हार्मोन चेंज,  उम्र, लाइफस्टाइल और वातावरण के चलते बदल जाता है। ऐसे में आज हम पीरियड के दौरान ब्लड का रंग क्या संकेत देता है इसकी पूरी जानकारी देंगे। 

लाल और गाढ़ा लाल का ब्लड

लाल और गाढ़ा लाल रंग खून हेल्दी पीरियड का संकेत देता है. अगर पीरियड के दौरान आ रहा खून डार्क रेड है तो इसका मतलब यह है कि वह बिल्कुल ताजा है. ऐसे रंग का खून पीरियड के शुरुआती दिनों में देखा जा सकता है, जब हैवी ब्लीडिंग होती है.इसका मतलब है कि ब्लड फ्लो रेगुलर है और आपके हार्मोन संतुलित हैं। 

ब्लैक पीरियड ब्लड:  

ब्लैक पीरियड ब्लड मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स की शुरुआत या अंत में दिखाई दे सकता है. या आमतौर पर पुराने या रुके हुए ब्लड का संकेत होता है. ब्लैक पीरियड ब्लड कभी-कभी किसी व्यक्ति की योनि के अंदर रुकावट का संकेत भी दे सकता है. इसके ये भी संकेत हो सकते हैं- दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज,बुखार, पी करने में दिक्कत, योनि में या उसके आसपास खुजली या सूजन आदि.

ऑरेंज ब्लड:

सर्वाइकल फ्लूइड के साथ पीरियड्स ब्लड मिक्स हो जाता है तब भी ये ऑरेंज ही दिखता है. यह बैक्टीरियल वेजिनोसिस या ट्राइकोमोनिएसिस जैसे इन्फेक्शन का भी संकेत हो सकता है. ऐसे में योनि में खुजली, बेचैनी और दुर्गंधयुक्त स्राव जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। वैसे तो ये कंडीशन नॉर्मल होती है लेकिन अगर आपको हर बार पीरियड्स में ऑरेंज कलर का ब्लड आ रहा है, साथ ही ब्लड से तेज दुर्गंध आती है, तो इस कंडीशन में एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

थक्कों के साथ ब्लड

थोड़े-बहुत थक्के आना सामान्य है, लेकिन अगर वे बड़े और बार-बार आएं, तो यह यूटेराइन फाइब्रॉइड्स या हार्मोनल इम्बैलेंस की ओर इशारा कर सकता है.

पिंक ब्लड:

पिंक ब्लड या स्पॉटिंग तब हो सकता है जब पीरियड ब्लड सर्वाइकल फ्लूइड के साथ मिल जाए. हार्मोनल बर्थ कंट्रोल का उपयोग करने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो सकता है, जिससे पीरियड्स के दौरान गुलाबी रंग के साथ हल्का फ्लो हो सकता है.

ग्रे पीरियड ब्लड:

ग्रे डिस्चार्ज आमतौर पर बैक्टीरियल वेजिनोसिस का संकेत है, यह प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया के बीच असंतुलन के कारण होता है. बैक्टीरियल वेजिनोसिस के अन्य लक्षण इस तरह है- योनि में और उसके आसपास खुजली, दुर्गंधयुक्त योनि गंध, पी के दौरान जलन या दर्द. अगर आपमें भी ऐसे ही कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें

भूरा/ ब्राउन कलर  पीरियड ब्लड:

अगर आपके पीरियड्स की शुरुआत में ब्लड का रंग हल्का लाल हो जाता है और जैसे ही ब्लीडिंग खत्म होती है, रंग भूरा या काला दिखने लगता है तो यह ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है. वहीं अगर खून पतला और वेजाइनल डिसचार्ज के साथ है, तो ऐसा तब हो सकता है, जब कि आप गर्भवती हों. गर्भावस्था के दौरान सामान्य धब्बे पानी के खून की तरह दिख सकते हैं। पीरियड ब्लड का ब्राउन (भूरा) रंग होना आमतौर पर सामान्य होता है. जब ब्लड यूटेरस में कुछ समय तक जमा रहता है और धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो ये ऑक्सीकरण के कारण भूरे रंग का हो जाता है। 
 


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