
रायपुर: इंग्लिश भाषा की बाधा के कारण जो छात्र एमबीए की पढ़ाई से वंचित रह जाते थे, उनके लिए अब एक नया अवसर खुल गया है। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNU) ने अपने प्रतिष्ठित एमबीए प्रोग्राम को अब हिंदी भाषा में भी शुरू कर दिया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत समावेशी और बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले IGNU ने ओड़िया समेत कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी एमबीए कार्यक्रम की शुरुआत की थी। विश्वविद्यालय का कहना है कि यह बदलाव नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो स्थानीय भाषाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने पर ज़ोर देती है।
IGNU का उदेश्य:
बहुभाषी पाठ्यक्रम का संचालन और प्रोफेशनल कोर्स को अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। IGNU का मानना है कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रबंधन शिक्षा को उन विद्यार्थियों के लिए अधिक सुलभ बनाना है, जो अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने में अधिक सहज महसूस करते हैं। हिंदी में पाठ्यक्रम की शुरुआत से यह उम्मीद की जा रही है कि गैर-अंग्रेज़ी भाषी पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए प्रोफेशनल कोर्सेज अब पहले की तरह जटिल या डराने वाले नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें आसानी से समझा जा सकेगा और वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकेंगे।
सत्रांत परीक्षाएं कल से:
IGNU की जून 2025 की सत्रांत परीक्षाएं 12 जून से लेकर 19 जुलाई तक संचालित की जाएंगी। ये परीक्षाएं दो शिफ्टों में आयोजित होंगी—पहली शिफ्ट सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगी, जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। छात्र अपने एडमिट कार्ड (हॉल टिकट) IGNU की आधिकारिक वेबसाइट www.ignou.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा केंद्र पर प्रवेश के लिए हॉल टिकट के साथ वैध पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड या पैन कार्ड, लाना अनिवार्य होगा। परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच और ब्लूटूथ डिवाइस जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
एआई की मदद से किया गया अनुवाद:
सरकारी ‘ई-कुंभ’ पहल के अंतर्गत IGNU का यह कार्यक्रम ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सहयोग से तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस साझेदारी के तहत शैक्षणिक सामग्री का हिंदी में अनुवाद ‘अनुवादिनी’ नामक एआई-आधारित टूल की मदद से किया गया है। यह टूल एआईसीटीई द्वारा विशेष रूप से शैक्षिक कंटेंट को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। AICTE ने जानकारी दी है कि भविष्य में MBA पाठ्यक्रम को 10 अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की योजना पर काम चल रहा है। यह बहुभाषी एमबीए पहल इस दिशा में एक अहम प्रयास है कि भाषा किसी भी पेशेवर के लिए बाधा न बने और हर इच्छुक व्यक्ति, चाहे वह किसी भी भाषाई पृष्ठभूमि से क्यों न आता हो, उच्च शिक्षा से जुड़ सके।