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MP Nigam Mandal Niyukti : कुसमारिया बने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष 

MP Nigam Mandal Niyukti : कुसमारिया बने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष 

MP Nigam Mandal Niyukti : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने निगम मंडलों में नियुक्तियां करना शुरू कर दिया है। जिसकी शुरूआत सरकार ने पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष बनाकर की है। मोहन सरकार ने रामकृष्ण कुसमरिया को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके लिए एक आदेश भी जारी किया गया है। 

जानकारी के अनुसार कुसमरिया की नियुक्ति सीएम मोहन यादव की सहमति से की गई है। उनकी यह नियुक्ति राज्य शासन के दिनांक 02.09.2021 को गठित आयोग की अधिसूचना के तहत की गई है। हालांकि कुसमारिया पहले से इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे, लेकिन उन्हें एक और कार्यकाल दिया गया है। कुसमारिया की नियुक्ति के बाद से निगम मंडलों में नियुक्तियों की अटकले तेज हो गई है। अटकले लगाई जाने लगी है कि सरकार जल्द ही खाली निगम मंडलों में नियुक्तियां करेगी। 

कुसमारिया से बीजेपी का मैसेज

रामकृष्ण कुसमारिया को ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने सीनियर नेताओं को बड़ा मैसेज दिया है कि पार्टी में ​वरिष्ठ सीनियर नेताओं का ख्याल रखा जाएगा। बता दे कि कुसमारिया पूर्व मंत्री है। वे दमोह जिले से आते है। वे सांसद भी रहे है। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं ​मिला था। ऐसे में बीजेपी सीनियर नेताओं का ख्याल रखने का मैसेज दे रही है। 

निगम-मंडल नियुक्तियां!

आपको बता दे कि कुसमारिया की नियुक्ति के बाद से मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से निगम-मंडलों की नियुक्तियों को लेकर हलचल शुरू हो गई है। प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार को कार्यभार संभाले करीब डेढ़ साल हो चुका है, लेकिन अब तक निगम-मंडलों और सहायक संस्थाओं में नए चेहरों को नियुक्त नहीं किया गया है। हालांकि अब प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति और कुसमारिया की नियुक्ति के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इन नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लग सकती है।

दावेदारों की बढ़ी सक्रियता!

कुसमारिया की नियुक्ति के बाद से लंबे समय से इन पदों की प्रतीक्षा कर रहे भाजपा नेता एक बार फिर राजधानी भोपाल में डेरा डालने लगे हैं। साथ ही, वे नेता जो विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट की दौड़ में पीछे रह गए थे या जो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे, वे भी खुद को योग्य उम्मीदवार के रूप में पेश कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे है​ कि जल्द राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू किया जा सकता है। 


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