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ग्रामीण शिक्षा में डिजिटल क्रांति: जशपुर में प्रशासन–SECL–EDCIL के बीच एमओयू ...

ग्रामीण शिक्षा में डिजिटल क्रांति: जशपुर में प्रशासन–SECL–EDCIL के बीच एमओयू ...

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने बगिया में जशपुर जिले के शासकीय विद्यालयों में 29 दिसंबर को नई पहल की है। इसका उद्देश्य विद्यालयों में आधुनिक शिक्षण और गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराना है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जिला प्रशासन जशपुर, ईडीसीआईएल और एसईसीएल के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से ईडीसीआईएल की ओर से प्रोजेक्ट डायरेक्टर विकास सहरावत  और एसईसीएल की ओर से जनरल मैनेजर सी. एम. वर्मा  ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया है।

शिक्षा को प्रभावी और रोचक बनाने की आवश्यकता:

सीएम साय ने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा को प्रभावी और रोचक बनाना समय की आवश्यकता है, जिससे दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों के बच्चों को भी बेहतर शैक्षणिक संसाधन शहरों के समान उपलब्ध कराई आएगी। इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों में जिज्ञासा  तकनीकी दक्षता और नवाचार का विकास होगा, ये उनके आनेवाले उज्ज्वल भविष्य को  मजबूत नींव बनाने में मदद करेगा।
 
शासकीय विद्यालयों में लगेंगे 206 इंटरएक्टिव पैनल:

जशपुर जिले के चयनित शासकीय विद्यालयों में एमओयू के तहत चरणबद्ध रूप से इंटरएक्टिव पैनल स्थापित की जाएगी। इन उपकरणों के माध्यम से शिक्षक क्षेत्र में वीडियो, डिजिटल कंटेंट, ई-लर्निंग व प्रेजेंटेशन, संसाधनों का उपयोग कर कक्षाओं को सरल, प्रभावी और अधिक रोचक बना सकेंगे। साथ ही एमओयू में इंटरएक्टिव पैनल की स्थापना के साथ-साथ उनके संचालन, नियमित मेंटेनेंस और प्रशिक्षण के प्रावधान भी शामिल हैं। जिससे इस उपकरणों का प्रभावी और सतत उपयोग सुनिश्चित हो पाएगा। एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से इस परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जिसके अंतर्गत जिले के 206 इंटरएक्टिव पैनल शासकीय विद्यालयों में लगाए जाएंगे। इस पहल से गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा जिले के सैकड़ों विद्यार्थियों को सुविधा प्राप्त होगी।

शैक्षणिक स्तर में होगा सुधार:

वहीं इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास ने ईडीसीआईएल और एसईसीएल के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए विश्वास जताया और कहा कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर में इस परियोजना से उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है।


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