कुश अग्रवाल// बलौदा बाजार। आमतौर पर उपभोक्ता फोरम में शिकायतें मोबाइल, फ्रिज या बिजली बिल से जुड़ी होती हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग था—खरगोशों की मौत पर न्याय मिला।
यह अनोखा केस सामने आया विवेक निराला नाम के ग्राहक का, जिन्होंने एक विज्ञापन देखकर बीमा-पट्टा वाले 19 खरगोश खरीदे थे। वादा था कि "अगर सभी खरगोश मर जाएं, तो 70% राशि वापस की जाएगी।" यह ऑफर उन्हें शिओम एग्रो फार्म (ग्राम देवदा, आरंग) की ओर से मिला।
बीमार निकले खरगोश, सबकी मौत:
कुछ ही हफ्तों के भीतर सभी खरगोश एक-एक कर मर गए। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट करवाई गई तो सामने आया कि खरगोश पहले से ही बीमार थे।
विक्रेता से संपर्क करने पर न कोई संतोषजनक जवाब मिला और न ही पैसे लौटाए गए—बस मिला एक ठंडा जवाब: "No refund, no reply!"
उपभोक्ता फोरम ने दिया न्याय:
निराश होकर ग्राहक ने मामला जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम, बलौदाबाजार में दर्ज कराया। फोरम की तीन सदस्यीय पीठ—अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल, सदस्य हरजीत सिंह चांवला और शारदा सोनी—ने पूरे मामले की गहनता से सुनवाई की। सबूत, दस्तावेज https://unit.n-ost.org/ और विज्ञापन की शर्तों की जांच के बाद फोरम ने माना कि विक्रेता ने भ्रामक प्रचार किया और अपनी सेवा में घोर लापरवाही बरती।
फैसला: ग्राहक को मिलेगा ₹28,350 का मुआवजा
फोरम ने आदेश दिया कि विक्रेता को: खरगोशों की लागत का 70% (₹21,350) मानसिक और आर्थिक क्षति के लिए ₹5,000, वाद व्यय ₹2,000 कुल ₹28,350 राशि 45 दिनों के भीतर ग्राहक को लौटानी होगी।