
रायपुर: लंबी कोशिशों के बाद प्रारंभ हुई एमबीबीएस बांड पोस्टिंग की ऑनलाइन काउंसिलिंग में गड़बड़ी की शिकायत सामने आने लगी है। पचास से अधिक डाक्टरों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके प्राप्तांकों में हेरफेर कर मेरिट सूची तैयार की गई है। इसके साथ ही वैकेंसी लिस्ट से प्रदेश के के बड़े अस्पताल के साथ रायपुर, बिलासपुर के हेल्थ सेंटरों को गायब कर दिया गया है। यह मानवीय त्रुटि है अथवा जानबूझकर एक वर्ग को लाभ पहुंचाने का साजिश है? जिला अस्पताल तथा 77 मेडिकल कालेजों में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा पहली बार एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले चिकित्सा अधिकारियों की दो साल की अनुबंध सेवा की पोस्टिंग के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रारंभ की गई है।
पचास से अधिक डाक्टरों ने आपत्ति जताई:
इसके तहत कुलल 583 सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं इन चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है। इसके प्रथम चरण में पंजीयन के बाद नियुक्ति के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है, जो विवादों में आ गई है। पचास से अधिक डाक्टरों ने आपत्ति जताई है कि जारी मेरिट लिस्ट और आयुष विवि द्वारा जारी अंकसूची के नंबर अलग-अलग हैं। इसकी वजह से मेरिट लिस्ट में उनका क्रम बदल गया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यह गड़बड़ी एक खास वर्ग को उनका पसंदीदा स्थान दिलाने के लिए ऐसा किया गया है। इसी तरह राज्य के अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी है। इसके बावजूद काउंसिलिंग पोर्टल पर कई मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पताल, डिस्ट्रक हास्पिटल और सीएचसी, पीएचसी को वैकेंसी लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह से भी काउंसिलिंग की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर एसोसिशन ने की आपत्ति:
इस मामले में अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से शिकायत की गई है। उन्होंने काउंसिलिंग में हो रही गड़बड़ी दूर करने की मांग की है। जूडा अध्यक्ष ने कहा कि एमबीबीएस बांड पोस्टिंग के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग को राज्य सरकार की एक प्रगतिशील https://www.uticvirtual.edu.py/revista.recide/ एवं डिजिटल दिशा में महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता, योग्यता आधारित स्थान आवंटन और दक्षता की अपेक्षा की गई थी। इस प्रणाली में सामने आ रही कई गंभीर खामियां और अन्यायपूर्ण स्थिति गहरी चिंता का विषय है।
वेतन में असमानता:
अनुबंध सेवा के तहत नियुक्त एमबीबीएस डॉक्टरों को 45 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है। जबकि इसी काम के लिए नियमित रूप से नियुक्त चिकित्सकों को 90 हजार से 1 लाख रुपए वेतन एवं भत्तों का भुगतान किया जा रहा है। वेतन की इस असमानता पर भी असंतोष जताया गया है। बॉन्ड डॉक्टर्स का न्यूनतम वेतन 75 से 90 हजार किए जाने की मांग की गई है।
विलंब से सेवा अवधि प्रभावित:
काउंसिलिंग प्रक्रिया में हो रही देर से छात्रों की बॉन्ड सेवा अवधि अनावश्यक रूप से बढ़ रही है। शासन की तकनीकी या प्रशासनिक देरी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। इससे उनकी आगे की पढ़ाई एवं कॅरियर योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। मांग की जा रही है कि काउंसिलिंग या ज्वाइनिंग में हुई देरी की अवधि को कुल बांड टाइम से घटाया जाना चाहिए।
ऐसे हो गए मेरिट लिस्ट के मार्क्स:
अंकसूची बांड पोस्टिंग की मेरिट लिस्ट में नंबर
844 884
899 866
अपात्र 914
866 899