विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : महाराज के खिलाफ बोला तो जुबान काट लेंगे ये भाजपा विधायक!

विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : महाराज के खिलाफ बोला तो जुबान काट लेंगे ये भाजपा विधायक!

विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : अशोकनगर ज़िले की चंदेरी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में विधायक रघुवंशी को वीडियो कॉल के दौरान यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “अगर कोई हमारे सांसद सिंधिया जी के खिलाफ बोलेगा, तो उसकी जुबान काट लेंगे।” उनके इस बयान ने प्रदेश की राजनीतिक में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि भाजपा विधायक ने यह बयान सीधे तोर पर जिला पंचायत सीईओ राकेश जैन को लेकर दिया है। जिन पर जनप्रतिनिधियों और पंचायत कर्मचारियों से अभद्र भाषा में बात करने और गाली-गलौज करने के गंभीर आरोप लगे हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, विवाद की शुरुआत तब हुई जब ईसागढ़ जनपद में पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में एसडीएम और जनपद सीईओ मौजूद थे। उसी दौरान जिला पंचायत सीईओ राकेश जैन का फोन आया, जिसे स्पीकर मोड पर रखा गया। आरोप है कि सीईओ ने फोन पर बात करते हुए गाली-गलौज की और यहां तक कह दिया कि "चाहे कोई सांसद या विधायक का आदमी हो, उसे जूते मारेंगे।" यह सुनते ही बैठक में मौजूद पंचायत सचिव और अन्य कर्मचारी विरोध में बाहर निकल गए और बैठक का बहिष्कार कर दिया।

विधायक का तीखा बयान

इस घटना के बाद विधायक रघुवंशी का एक वीडियो सामने आया जिसमें वे वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान कहते दिखाई दे रहे हैं कि “हमारे सांसद सिंधिया जी के खिलाफ कोई बोलेगा तो उसकी जुबान काट लेंगे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सीईओ राकेश जैन ने जनप्रतिनिधियों का खुलेआम अपमान किया है और अब इस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री से की शिकायत

विधायक रघुवंशी ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। उन्होंने अखबार की कटिंग और लिखित शिकायत पत्र सौंपते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं। विधायक ने बताया कि मुख्य सचिव को भी इस मामले की पूरी जानकारी दे दी गई है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।

राजनीतिक माहौल हुआ गरम

मामले के बाद से अशोकनगर जिले में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। जहां बीजेपी विधायक के बयान को लेकर विपक्ष हमलावर हो सकता है, वहीं जिला पंचायत सीईओ की भाषा को लेकर कर्मचारी संगठनों में भी आक्रोश दिखाई दे रहा है। इस घटनाक्रम ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संबंधों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।


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