रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी विभाग ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पांच प्रमुख शहरों—बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर में 25 से अधिक स्थानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई गुटखा, कपड़ा, जूता, ट्रांसपोर्ट और ट्रेडिंग सेक्टर की फर्मों के खिलाफ की गई।
बोगस बिलिंग और फर्जी लेन-देन का खुलासा:
जांच के दौरान अधिकारियों को बोगस इनवॉइसिंग, कच्चे में लेन-देन, और जीएसटी चोरी से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। कई फर्मों में टैली या अन्य अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, जिससे यह साबित हुआ कि कारोबारी टैक्स देने से बचते रहे। अब तक की जांच में इन संस्थानों पर करीब ₹10 करोड़ की पेनाल्टी तय की जा रही है, और नोटिस जारी कर दिए गए हैं। फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
ड्रायफ्रूट और फुटवियर कारोबारियों पर भी कार्रवाई:
GST टीम ने दो थोक ड्रायफ्रूट विक्रेताओं और जूता कारोबारियों के यहां भी दबिश दी। यहां से दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर और बिक्री रजिस्टर जब्त किए गए। टीम ने पाया कि यहां भी बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी और अनियमितताएं की गई हैं। डिजिटल डेटा की गहन जांच के बाद टैक्स चोरी की पुष्टि हुई है।
GST पोर्टल पर जोखिम स्कोर 10, लेकिन कर भुगतान शून्य:
सरकारी पोर्टल के अनुसार, जिन फर्मों पर छापेमारी हुई उनका रिस्क स्कोर 10 था, लेकिन नगद टैक्स भुगतान शून्य पाया गया। ई-वे बिल की जांच में खुलासा हुआ कि सामान सीधे आम ग्राहकों को बेचा गया, लेकिन बिल फर्जी व्यापारियों के नाम पर बनाए गए, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत फायदा उठाया गया।
"किसी को टैक्स चोरी करने नहीं दिया जाएगा": टीएल ध्रुव
GST स्पेशल कमिश्नर टीएल ध्रुव ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने पहले ही सभी व्यापारियों को आगाह किया है कि बिना टैक्स दिए कारोबार नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ पिछली तिमाही में देश के टॉप टैक्स कलेक्शन राज्यों में शामिल रहा है। इस बार भी हमारा लक्ष्य वही है। सभी व्यापारियों से अपील है कि वे ईमानदारी से कर जमा करें।"