
धमधा: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और आतंकवाद के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब देश के किसान भी राष्ट्रहित में मोर्चा संभाल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के किसानों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को टमाटर भेजना पूरी तरह से बंद कर दिया है।
धमधा का टमाटर—पहले पाकिस्तान तक, अब देश के नाम:
छत्तीसगढ़ के धमधा ब्लॉक में हर साल करीब 1.90 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है, जिनमें से अब तक 1.10 लाख मीट्रिक टन पाकिस्तान भेजा जाता रहा है। लेकिन अब किसानों ने स्पष्ट कर दिया है— "हमारे खेत की उपज अब केवल अपने देश के लिए है।"
किसानों की ज़ुबानी...
संदीप सोलंकी (डोमा पथरिया):
"मेरे टमाटर सीधे पाकिस्तान जाते थे। लेकिन अब मैंने फैसला कर लिया है कि न एक कैरेट टमाटर दुश्मन देश को जाएगा।"
पोखराज (कन्हारपुरी):
"30 एकड़ में हर साल टमाटर उगाता हूं। पहले पाकिस्तान भेजते थे, अब यूपी, महाराष्ट्र और दिल्ली भेज रहे हैं।"
लीमन साहू (पथरिया):
"अब चाहे नुकसान हो या मुनाफा, पाकिस्तान को टमाटर नहीं। मेरा टमाटर अब देश के लिए ही उगेगा।"
एजेंटों की चैन तोड़ी, सप्लाई चेन रोकी:
अब तक रायपुर होते हुए टमाटर कलकत्ता, नेपाल और फिर पाकिस्तान भेजे जाते थे। एजेंट होटल में रुककर सौदे तय करते थे। लेकिन किसानों के इस सख्त फैसले ने इस आपूर्ति श्रृंखला को जड़ से तोड़ दिया है।
बांग्लादेश भी लिस्ट से बाहर:
सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, अब बांग्लादेश को भी टमाटर सप्लाई नहीं की जाएगी। किसानों ने इसे राष्ट्रभक्ति का हिस्सा मानते हुए पूरी तरह से रोक दिया है।
अब देश की मंडियों को प्राथमिकता:
नासिक, नागपुर, नोएडा, दिल्ली, आंध्रप्रदेश जैसी मंडियों में धमधा का टमाटर 200 रुपए प्रति कैरेट के हिसाब से धड़ल्ले से बिक रहा है। किसानों का कहना है कि अब उन्हें भारत में ही पर्याप्त बाजार मिल रहा है।