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22 दिनों से सभी यात्री ट्रेन बंद बस्तर वासियों में बड़ा आक्रोश, बोले-'रेल प्रशासन सब्र की न ले परीक्षा' 

22 दिनों से सभी यात्री ट्रेन बंद बस्तर वासियों में बड़ा आक्रोश, बोले-'रेल प्रशासन सब्र की न ले परीक्षा' 

जीवानंद हलधर // जगदलपुर: बस्तर वासियों को रेल सुविधा देने के नाम से बड़ा खेल रेल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. बस्तर वासियों को सुविधा देने के नाम से केवल  छलावा किया जा रहा है.और बस्तर से चलने वाली सभी यात्री ट्रेनों पर ब्रेक लगा दिया है. लेकिन रेल प्रशासन प्रतिदिन लौह अयस्क की ढुलाई कर करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा है. यात्री सुविधाओं के नाम से कुछ भी बोलने से बच रहा है यही कारण है कि यात्रियों के लिए चलने वाली 1 पैसेंजर सहित 4 एक्सप्रेस के परिचालन को बंद कर दिया है.

 रेल प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप:
 
ऐसे में बस्तर से अन्य राज्यो में जाने वाले यात्रियों और बस्तरवासियों ने रेल प्रशासन पर बस्तर के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है और कहा कि बस्तर वासियों के सब्र की परीक्षा रेल प्रशासन न ले, साथ ही जल्द ही बस्तर से चलने वाली यात्री ट्रेनों का संचालन को शुरू करें. बता दे कि रेलमार्ग पर 2 जुलाई को उड़ीसा के जरती और मलीगुड़ा के बीच बड़ा लैंडस्लाइड हो गया था.इस घटना के बाद रेल अफसरों और सैकड़ो कर्मचारियों द्वारा रेल यातायात बहाल करने में जुट गए थे, 5 जुलाई को ट्रैक में गिरे मलबे को हटा दिया गया था, फिर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया. 

यात्री ट्रेन बंद :

लेकिन आज 22 दिन बीत जाने के बाद भी यात्रियों की सुविधा के लिए चलने वाली यात्री ट्रेनें शुरू नही की गई है. लेकिन रेल प्रशासन रोजना 14 मालगाड़ियों में किरन्दुल से विशाखपट्नम तक लौह अयस्क ले कर दौड़ रही है, जिससे लौह अयस्क की ढुलाई से प्रतिदिन 6 करोड़ों की कमाई रेल प्रशासन कर रहा है. लेकिन बस्तर वासियों के सुविधा के लिए दी जाने वाली यात्री ट्रेनों को बंद कर दिया है. ऐसे में बस्तरवासी अपना हक मांग रहे है।
 


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