वन विभाग में सेटअप पुनरीक्षण नहीं होने से नाराज एसीएस, मुख्य सचिव ने ली बैठक

वन विभाग में सेटअप पुनरीक्षण नहीं होने से नाराज एसीएस, मुख्य सचिव ने ली बैठक

रायपुर : शासन के प्रमुख विभागों में वन विभाग एक प्रमुख अंग है, वन विभाग में वर्ष 2002 के बाद से अब तक सेटअप पुनरीक्षण नहीं किया गया है। इसके चलते जिन वन कर्मचारियों को तय समय में प्रमोशन मिलना चाहिए, उनमें से ऐसे कई वनकर्मी, अफसर हैं, जिनको अब तक प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाया है। सेटअप की कमी के कारण विभागीय कार्य के अलावा वन तथा वन्यजीवों की निगरानी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। इस बात से नाराज प्रमुख सचिव अमिताभ जैन तथा एसीएस फॉरेस्ट ऋचा शर्मा ने वन विभाग के सभी विंग के पीसीसीएफ तथा सीसीएफ की शुक्रवार को एक बैठक ली। बैठक में सेटअप पुनरीक्षण तैयार करने निर्देश दिए।

अरण्य भवन में शुक्रवार को आयोजित बैठक : 

सूत्रों के मुताबिक अरण्य भवन में शुक्रवार को आयोजित बैठक में वन विभाग के कार्यों का समीक्षा की गई। इसके अलावा विभाग में कितने पद रिक्त हैं, इसे लेकर चर्चा की गई। प्रमुख सचिव तथा एसीएस फॉरेस्ट द्वारा वर्ष 2002 के बाद से अब तक सेटअप पुनरीक्षण नहीं होने के कारण वनबल https://journal.uet.edu.pk/ प्रमुख सहित अन्य पीसीएफ से जानकारी मांगी, तो अफसर इसका जवाब नहीं दे पाए। साथ ही अफसरों ने जो जवाब प्रस्तुत किए, इससे प्रमुख सचिव तथा एसीएस फॉरेस्ट संतुष्ट नहीं हुए। अफसरों के जवाब से प्रमुख सचिव अमिताभ जैन तथा एसीएस फॉरेस्ट काफी नाराज दिखे।


अंतिम रूप देने 27 को बैठक: 

विभागीय सेटअप पुनरीक्षण को अंतिम रूप दिये जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव फॉरेस्ट ऋचा की अध्यक्षता में 27 जून को कार्यालयीन समय में समीक्षा बैठक आयोजित की गई है। बैठक में सभी विंग के पीसीसीएफ के साथ रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, सरगुजा, कांकेर सीसीएफ को आमंत्रित किया गया है। उस बैठक में सेटअप पुनरीक्षण को अंतिम रूप दिया जाएगा।

विभाग के अलग-अलग खंड में इतने पदों की कमी: 

वन विभाग में वर्तमान में अफसर सहित विभिन्न पदों पर नौ हजार के करीब वन कर्मचारी कार्यस्त हैं। वन विभाग में वर्तामान में फॉरेस्ट गार्ड की भारी कमी है। विभाग के अलग-अलग विंग में रिक्त पदों की संख्या इस प्रकार से है-

 फॉरेस्ट गार्ड- 4869
 फॉरेस्टर -  1676
 डिप्टी रेंजर -  655
 रेंजर -  490
 वन चौकीदार - 492

सेटअप पुनरीक्षण से मिलेगा प्रमोशन: 

सेट अप पुनरीक्षण नहीं होने से वनकर्मियों को तय समय में प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। सेट अप पुनरीक्षण होने के बाद निचले स्तर के ऐसे वनकर्मी जिनका दो दशक से ज्यादा समय से प्रमोशन नहीं हुआ है। उन वनकर्मचारियों के प्रमोशन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अलावा अमला बढ़ने से जंगल की निगरानी बढ़ने के साथ वन अपराध पर अंकुश लगेगा।


संबंधित समाचार