बूंद-बूंद पीने के पानी को तरस रहा ये गांव!: मगर शासकीय बोर से खेतों में हो रही सिंचाई, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

बूंद-बूंद पीने के पानी को तरस रहा ये गांव!: मगर शासकीय बोर से खेतों में हो रही सिंचाई, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

राजा शर्मा // डोंगरगढ़ : राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा से 5 किलो मीटर दूर ग्राम भोथली में शासकीय बोर पर मशीन लगा खेतों में सिंचाई का मामला प्रकाश में आया है। जबकि इतनी भीषण गर्मी में आम आदमी पीने के पानी के लिए तरस रहा है। इतनी भीषण गर्मी में जमीन का जल स्तर काफ़ी नीचे जा चुका है। 

पूरा मामला डोंगरगढ़ विधानसभा से 5 किलो मीटर दूर ग्राम भोथली में एक किसान अपने घर के सामने शासकीय हैण्ड पंप में अपनी निजी मशीन लगा खेतों में सिंचाई करते आ रहा था। जगह पर जाने में पता चला की इस हैण्ड पंप में पी एच ई विभाग के अधिकारी के संरक्षण में पी एच ई विभाग के ही कर्मचारी ने किसान को ये सुविधा मुहैया करवाया है। 

अधिकारियों के मिलीभगत का संदेह  : 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तो कई बार इसकी शिकायत शासकीय स्तर पर हो चुका है। अधिकारी कर्मचारी शिकायत पर किसान को खाना पूर्ति के लिए मौखिक चेतावनी दे कर चले जाते हैं। लेकिन किसान के ऊपर कोई शासकीय कार्यवाही नहीं करते हैं। इसे क्या समझा जाए लोग इतनी भीषण गर्मी में पानी के लिए भटक रहे है। ऊपर से ये अधिकारी सिर्फ अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं हालांकि इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं , लेकिन गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। 

पीने को पानी नहीं पर खेतों में हो रही सिंचाई : 

शासकीय बोर में मशीन लगाने वाले कर्मचारी पहले तो कहते हैं कि पानी खराब होने के कारण मशीन लगा कर पानी की सफाई कर रहे हैं। ये कैसा सफ़ाई हैं एक बोर की सफाई में महीनों मशीन फिट कर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाना। बिना किसी झिझक कर्मचारी मोबाईल में ये भी बताते हैं की खाली इसी गांव में नहीं आसपास के बहुत से गांवों में ये लोग शासकीय बोर में मशीन लगा कर दिए हैं , अधिकारी के कहने पर , जबकि जिला कलेक्टर घटते जल स्तर को देखते हुए धान की फसल को ना लगाने की अपील करते हैं और खेतों में या घरों में बोर खनन करने पर पूर्णतः प्रतिबंध करते है। दूसरी ओर विभागीय अधिकारी कलेक्टर के आदेश को नज़र अंदाज करते नज़र आते हैं। विभागीय अधिकारी से जानकारी  लेने जब कार्यालय जाने पर पता लगता हैं की साहब फील्ड में हैं।

अधिकारी फील्ड पर नहीं : 

 ये कैसा दौरा है कि अधिकारी से जब भी किसी विषय में जानकारी लेना चाहते हैं, तो अपने मुख्यालय से नदारत रहते हैं जिसे फ़ील्ड में दौरा के नाम से कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा जानकारी दी जाती है। साहब फील्ड में हैं तो फ़ील्ड में ऐसे अपराध कैसा की शासकीय हैण्ड पंप में निजी पंप कनेक्शन मिल रहा है। फ़ील्ड में रहने वाले अधिकारी के नाकों के नीचे ऐसे काम होना संदेहात्मक लगता है या तो अधिकारी फ़ील्ड में नहीं रहते अगर फील्ड में अधिकारी हैं तो उनकी शैय में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया जा रहा है। अधिकारी के शैय में नहीं होता तो अधिकारी फ़ील्ड पर ही नहीं रहते और मुख्यालय से गायब अपने घरों में बैठकर अपना काम निपटाने में लगे हैं, ये पूरा मामला प्रश्नवाचक चिह्न सा बना नज़र आता हैं।

जांच कर करेंगे कार्रवाई : SDM

इस विषय को लेकर डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम ने कहा की मुझे यह जानकारी आप लोगों के माध्यम से पता चल रहा है जॉच कर उचित कार्यवाही करेंगे । देखना यह है की प्रशासनिक तंत्र में बैठे अधिकारी क्या जॉच करते हैं और क्या कार्यवाही करते हैं। की खाली खाना पूर्ति कर मामले को दबा देते हैं। क्योंकि यह जनमानस से जुड़ा गम्भीर मामला है। 


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