जंगल की गहराइयों से निकली दीना सनीचर की रहस्यमय कहानी, जंगली भेड़ियों का बच्चा या इंसान?

जंगल की गहराइयों से निकली दीना सनीचर की रहस्यमय कहानी, जंगली भेड़ियों का बच्चा या इंसान?

जंगल की गहराइयों में, पीढ़ियों से लोगों की कल्पनाओं को बांधे रखने वाली एक कहानी है। यह कहानी है दीना सनीचर, जिसे इंडियन वुल्फ बॉय के नाम से भी जाना जाता है। गुमनामी में जन्मा और रहस्यों से भरा, दीना सनीचर का जीवन इतिहास के सबसे दिलचस्प और अद्भुत किस्सों में से एक है।

भेड़ियों द्वारा पाला गया जंगली बच्चा:

स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, दीना को जंगल के बीचोबीच एक गुफा में भेड़ियों के झुंड के साथ रहते हुए पाया गया था। बचपन से ही भेड़ियों द्वारा पाला गया, दीना ने उनके जैसे ही जीना सीख लिया था। बात करने में असमर्थ और जंगली जानवरों की तरह व्यवहार करने वाला दीना, उन भेड़ियों के तरीकों को पूरी तरह से अपना चुका था जिनके साथ वह रहता था। जंगल में गूंजने वाली उसकी भयानक चीखें और उसके आसपास के माहौल के प्रति प्रतिक्रिया, यह सब दर्शाता था कि दीना सनीचर मनुष्यों से कहीं अधिक जंगली था।

मोगली से तुलना और रहस्यमयी शुरुआत:

अंग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग के द जंगल बुक में मोगली नामक चरित्र से दीना सनीचर की तुलना अक्सर की जाती है। 1800 के दशक में जन्मे दीना को 1867 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अंग्रेज शिकारियों ने पकड़ा था। भेड़ियों की तरह चारों पैरों पर चलते हुए बच्चे को देखकर शिकारी हैरान रह गए। उन्होंने उसका पीछा किया और उसे एक भेड़िए की गुफा में घुसते हुए देखा। गुफा में आग लगाकर, उन्होंने भेड़िये और बच्चे को बाहर निकाला। भेड़िये को गोली मार दी गई, और बच्चे को आम इंसानों की दुनिया में लाने का प्रयास शुरू हुआ, जो कभी सफल नहीं हो पाया

अनाथालय में जीवन और असफल प्रयास:

बच्चे को आगरा के एक अनाथालय में रखा गया। लेकिन उसकी देखभाल करना बहुत मुश्किल था। ना तो वह बोल पाता था और ना ही उसका कोई नाम था। अनाथालय में उसे दीना सनीचर नाम दिया गया, क्योंकि उसे शनिवार को ही वहां लाया गया था। उसे लिखना-बोलना सिखाने की कोशिशें की गईं, लेकिन वह असफल रहीं। वह केवल जानवरों जैसी आवाजें निकाल पाता था। पका हुआ खाना उसे पसंद नहीं था, क्योंकि उसने हमेशा कच्चा मांस खाया था। कई कोशिशों के बाद, उसने दो पैरों पर चलना और प्लेट से खाना सीख लिया। लेकिन जानवरों की तरह ही वह खाने को सूंघकर खाता था।

धूम्रपान, बीमारी और मृत्यु:

अनाथालय में एक अन्य लड़के के कारण उसे धूम्रपान की लत लग गई। टीबी से ग्रसित होने के बाद 29 वर्ष की आयु में दीना की मृत्यु हो गई।

दीना सनीचर: एक इंसान या जंगली जानवर?

दीना सनीचर का जीवन अनेक प्रश्नों को जन्म देता है। क्या वह वास्तव में जंगली भेड़ियों का बच्चा था? क्या मानव समाज में रहकर वह कभी सचमुच इंसान बन पाता?

दीना सनीचर की कहानी आज भी लोगों को मोहित करती है। यह


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