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बात बराबरी की: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पदोन्नति में अगर महिलाओं के साथ भेदभाव हुआ तो पुरुषों का भी नहीं होना चाहिए प्रमोशन

बात बराबरी की: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पदोन्नति में अगर महिलाओं के साथ भेदभाव हुआ तो पुरुषों का भी नहीं होना चाहिए प्रमोशन

Supreme Court:  हर क्षेत्र में आगे होने के बावजूद महिलाओं को पदोन्नति के लिए पीछे ही रखा जाता है, इसी से जुड़ा हुआ एक मामला सुप्रीम कोर्ट में पंहुचा हैं जिसमें देश की सेवा कर रहे महिलों ने शिकायत दर्ज कराई है. 

सेना की 34 महिला अधिकारियों ने प्रमोशन में देरी का आरोप लगया है, जिन्हें 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिया गया था। महिला अधिकारियों ने आरोप लगते हुए कहा कि पुरुष अधिकारियों को प्रमोशन मिल गया जो हमसे बहुत जूनियर है. 

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इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने सेना की ओर से पेश हुए सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यन से पुछा कि आप पुरुष अधिकारियों की पदोन्नति कर रहे उनसे जूनियर की भी हो गई लेकिन अभी तक महिला अधिकारियों की पदोन्नति क्यों नहीं हुई? आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है?

अगर ऐसा होता है तो  कर्नल रैंक पर जो प्रमोशन करने के लिए पुरुषों के लिए बोर्ड बनाया गया है उसे भी रोक दिया जाना चाहिए, जिसका जवाब देते हुए बालासुब्रमण्यन ने कहा  केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद 150 अतिरिक्त पदों के लिए महिला अधिकारियों के लिए विशेष बोर्ड बुलाया जाएगा मंजूरी मिलने के अंतिम चरण में है। और अगली सुनवाई की तारीख तक कोई आदेश पारित न किया जाए. और भरोसा दिलाया कि महिला आवेदकों की शिकायत का समाधान जल्द ही हो जाएगा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।

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