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Sunday Special: जानें चांदनी चौक का इतिहास और सौंदर्यीकरण से कैसे बढ़ी खूबसूरती

Sunday Special: जानें चांदनी चौक का इतिहास और सौंदर्यीकरण से कैसे बढ़ी खूबसूरती

Sunday Special दिल्ली में अगर आप कहीं घुमने की सोच रहे है तो राजधानी बेहद ही खूबसूरत जगह है। यहां सबसे अच्छी और पुरानी जगह चांदनी चौक है। दिल्ली की चांदनी चौक (chandni chowk) एक ऐसी जगह है जहां शॉपिंग, खाना-पीना और घूमना सब कुछ मुमकिन है। लेकिन यहां की जो सबसे बड़ी समय है वो है यहां की भीड़। ज्यादा तौर लोग ये बात जानते ही है कि चांदनी चौक में अगर एक बार घुस जाए। तो वहां से निकलना काफी मस्कत का काम है। क्योंकि चांदनी चौक में हमेशा भीड़ रहती है। चांदनी चौक को एक दिन में घूमना काफी मुश्किल था। लेकिन अब नहीं है।

दिल्ली के लोग ये बात को जानते है कि 2018 से दिल्ली के चांदनी चौक का सौंदर्यीकरण हो रहा है। लेकिन अब उसका इंतजार खत्म हो गया है। क्योंकि रविवार के मौके पर 12 सितंबर को दिल्ली के सीएम चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण का उद्घाटन करने जा रहे है। अब चांदनी चौक में क्या बदलाव हुए है उसको जानने के लिए चांदनी चौक जाना तो सबके लिए मुश्किल है। तो उन लोगों के लिए ये पोस्ट बेहद जरूरी है जो लोग चांदनी चौक में हुए बदलाव को जानना चाहते है लेकिन जा नही सकते तो इस पोस्ट को जरूर पड़े।

चांदनी चौक का के भविष्य को जानने से पहले चांदनी चौक के इतिहास को भी जान लेते है। चाँदनी चौक को मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्री जहांआरा द्वारा 1648 में स्थापित किया था वह बाज़ार वर्तमान में एशिया का सबसे बड़ा थोक व्यापार का केन्द्र है। इस बाजार में करीबन 1560 दुकाने है जोकि 1,520 गज में फैला हुई है।लाल किला भी चांदनी चौक के पास स्थित है जिसका निर्माण 17 वीं सदी में मुगल शासक शाहजहां द्वारा किया गया था। लाल किला के मुख्य द्वार के सामने पूर्व में स्थित इस भीड़ भाड़ भरे बाजार में सोने-चांदी के आभूषण, कलाकृतियों के लिए जामा मस्जिद, पुस्तकों के लिए नई सड़क व सूखे मेवे-मसालों के लिए शीशगंज गुरुद्वारा, टाउन हॉल, लाल मंदिर, गौरीशंकर मन्दिर एवं सुनहरी मस्जिद भी स्थित है।

 


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