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मंकीपॉक्स वायरस की टेस्ट के लिेेए RT-PCR किट लॉन्च, घंटे भर से पहले मिलेगी रिपोर्ट

मंकीपॉक्स वायरस की टेस्ट के लिेेए RT-PCR किट लॉन्च, घंटे भर से पहले मिलेगी रिपोर्ट

Monkeypox Virus RT PCR-based kit: कोरोना वायरस (corona virus) के बाद दुनिया भर में मंकीपॉक्स (monkeypox) नाम से एक वायरस (virus) तेजी से फैल रहा है। भारत में भी बीते कुछ दिनों से इस वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच राहत की खबर सामने आई है। 

दरअसल, इस वायरस का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर किट (RT-PCR kit) को लॉन्च किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसे डायग्नोस्टिक कंपनी Genes2Me प्राइवेट लिमिटेड ने डेवलप किया है। Genes2Me भारत में मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स स्पेस की लीडिंग कंपनियों में से एक है। यह NABL से मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक लैब हैं, जिसका मुख्यालय गुड़गांव में है। कंपनी का दावा है कि किट को बीमारी का पता लगाने में 50 मिनट से भी कम समय लगता है।

इन फॉर्मेट में उपलब्ध रहेगा किट
किट निर्माता कंपनी की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, यह किट किसी भी सामान्य रूप से उपलब्ध रीयल-टाइम पीसीआर इंस्ट्रूमेंट के लिए स्टैंडर्ड वर्ज़न के साथ-साथ Genes2Me Rapi-Q HT रैपिड RT-PCR डिवाइस पर पॉइंट-ऑफ-केयर फॉर्मेट में उपलब्ध है। कंपनी ने आगे कहा है, “प्वाइंट-ऑफ-केयर सॉल्यूशन का उपयोग अस्पतालों, एयरपोर्ट्स, डायग्नोस्टिक लैब्स, हेल्थ कैंपस सहित कई साइटों पर स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है।” 

50 मिनट में मिलेगी रिपोर्ट
Genes2Me के सीईओ और संस्थापक श्री नीरज गुप्ता ने एक बयान में कहा, “हम इस वायरस के लिए समय से पहले तैयार रहना चाहते थे। समय के मूल्य को समझते हुए, हमने मंकीपॉक्स के लिए यह आरटी पीसीआर लॉन्च किया है जो सटीकता के साथ 50 मिनट से भी कम समय में रिजल्ट देगा। Genes2Me हमेशा गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में समाधान का प्रयास करता है जो किसी भी हेल्थ इमरजेंसी के दौरान जनता के लिए जरूरी है। हमारे पास वर्तमान में एक सप्ताह में 50 लाख टेस्ट किट बनाने की क्षमता है, हालांकि, इसे एक दिन में 20 लाख टेस्ट किट तक और बढ़ाया जा सकता है।”
मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने में सक्षम किट
कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा है, “Genes2Me के वैज्ञानिक मंकीपॉक्स वायरस का पता लगाने के लिए “पॉक्स-क्यू मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट” विकसित करने में सक्षम हैं। साथ ही वेरिसेला जोस्टर वायरस (चिकन पॉक्स) से एकल ट्यूब मल्टीप्लेक्स रिएक्शन फॉर्मेट में अलग करते हैं। अपनी तरह का पहला यह ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट केवल रिसर्च उपयोग के लिए (RUO) उपलब्ध है और गोल्ड स्टैंडर्ड टैकमैन केमिस्ट्री बेस्ड आरटी पीसीआर मेथड पर आधारित है।
देश-दुनिया में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। ग्लोबल हेल्थ एजेंसी के अनुसार, अब तक 75 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। भारत में अब तक इसके कुल 4 केस सामने आ चुके हैं। 


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