Nimoniya Ka Ilaj : सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बच्चों में सर्दी-जुकाम, खांसी और वायरल संक्रमण बढ़ जाते हैं। इसी समय निमोनिया का खतरा भी तेजी से बढ़ता है। यह फेफड़ों का गंभीर संक्रमण है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंडी हवा, प्रदूषण, गंदगी और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण बच्चे इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।
निमोनिया के लक्षण
बच्चों में निमोनिया होने पर तेज बुखार, लगातार खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और भूख कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कई गंभीर मामलों में चेहरे या होंठों का रंग नीला पड़ सकता है, जो ऑक्सीजन की कमी का संकेत है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है, वरना संक्रमण खून या अन्य अंगों तक फैल सकता है।
कैसे करें देखभाल
डॉक्टरों के मुताबिक निमोनिया से पीड़ित बच्चे को आराम और गर्माहट देना सबसे ज्यादा जरूरी है। कमरे को साफ-सुथरा और हल्का गर्म रखें तथा बच्चे को ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचाएं। डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटीबायोटिक और अन्य दवाओं को समय पर दें और पूरा कोर्स अवश्य कराएं।
क्या खिलाएं
बच्चे को हल्का, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला भोजन दें, जैसे सूप, दाल का पानी, मूंग की खिचड़ी, दलिया इसके अलावा मां का दूध देने वाले बच्चों को स्तनपान जारी रखें। साथ ही पपीता, संतरा, सेब जैसे विटामिन-सी युक्त फल इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। बच्चे को गुनगुना पानी भी पिलाते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
क्या न दें
ठंडी चीजें, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, तला-भुना भोजन ये चीजें संक्रमण को बढ़ा सकती हैं और रिकवरी धीमी कर सकती हैं।
रखे ये सावधानियां
बच्चे को भीड़भाड़ या प्रदूषित जगहों पर न ले जाएं।
नाक बंद होने पर समय-समय पर साफ करें, ताकि सांस लेने में दिक्कत न हो।
पर्याप्त आराम और नींद दिलाएं।
घर में धूम्रपान बिल्कुल न करें।
लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
नोट : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या या उपचार शुरू करने से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।