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Heart Care : घर का खाना, छह घंटे की नींद और एक घंटे एक्सरसाइज से दिल रहेगा जवां

Heart Care : घर का खाना, छह घंटे की नींद और एक घंटे एक्सरसाइज से दिल रहेगा जवां

Heart Care : दिल को जवां रखना है तो रोजाना छह घंटे की नींद लेने के साथ एक घंटे एक्सरसाइज करें और घर का बना ही खाना खांए। अगर आपने इस रूटींन को अपना लिया तो अपका दिल जवानी के साथ बुढ़ापे में भी जवां बना रहेगा। यह टिप्स गांधी मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राघवेंद्र सिंह मीणा ने बताएं। 

बना ले सिगरेट, तंबाकू से दूरी

विश्व ह्दय दिवस पर प्रमुख अखबार हरिभूमि से चर्चा करते हुए डॉ. मीणा ने बताया कि युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण तंबाकू और सिगरेट है। युवा इसे नजर अंदाज करते हैं। तंबाकू और सिगरेट के सेवन से शरीर की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं। खून न पहुंचने से दिल का दौरा पड़ता है। डॉ.  मीणा ने कहा कि अगर आप भी चाहते हैं कि बुढ़ापे तक आपका दिल साथ दे तो तुरंत सिगरेट और तंबाकू से दूरी बना लीजिए। डॉ. मीणा का कहना है कि हृदय रोग के प्रमुख कारण धूम्रपान, अत्यधिक वसा, शरीर में ज्यादा चर्बी, अत्यधिक चिंता, मधुमेह है। यही कारण है कि 30 से 35 प्रतिशत मौतें दिल की बीमारी (हार्ट अटैक) से हर साल जिले में हो रही है।

हर महीने 50 से 60 युवाओं काे हार्ट अटैक

ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुब्रोतो मंडल के अनुसार युवा अगर अपने खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान नहीं देंगे तो स्थितियां ज्यादा खराब होगी। रोजाना तीन प्रकार के फल और तीन प्रकार के सलाद का सेवन करना चाहिए, जिससे आप कई प्रकार की बीमारियों से बचें रहेंगे। असंतुलित जीनवशैली के कारण मौजूदा समय में हर माह 50 से 60 युवा मरीज हार्ट अटैक का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इन मरीजों की उम्र 25 से 45 वर्ष के बीच है। इनमें तो कई ऐसे भी हैं, जिनको दूसरी बार अटैक आया है। यह ज्यादा चिंता का विषय है। 

35 की उम्र, रखें विशेष ध्यान

जेपी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि आज के समय में तनाव, अनियमित दिनचर्या, धूम्रपान, नमक, मोटापा, अनिद्रा हृदय के लिए घातक है, जिसके कारण हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है। हृदय रोग से बचने के लिए भरपूर नींद ले, अच्छी डाइट ले और नियमित व्यायाम करें। हृदय में अचानक दर्द होने पर तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। 35 वर्ष की उम्र के बाद खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

जान बचाने में हमीदिया आगे

जीएमसी डीन डॉ. कविता एन सिंह के अनुसार हमीदिया अस्पताल के हृदय रोग विभाग में हर साल 40 हजार से ज्यादा हृदय रोगी पहुंच रहे हैं। इनमें से 79 प्रतिशत तक रोगी स्वस्थ हो रहे हैं। हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट में बेहतर काम हो रहा है। यही कारण है कि दूसरे अस्पतालों के डाॅक्टर आकर रोगी प्रबंधन हमीदिया से सीखना चाहते हैं। हमें इसका गर्व है कि मरीजों की जान बचाने में भी हम किसी निजी कार्पोरेट अस्पताल से पीछे नहीं हैं।


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