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New Parliament Building: पुजारी द्वारा पीएम मोदी को राजदंड भेंट दिया जायेगा, आखिर क्या बोले 2024 चुनाव को लेकर

New Parliament Building: पुजारी द्वारा पीएम मोदी को राजदंड भेंट दिया जायेगा, आखिर क्या बोले 2024 चुनाव को लेकर

 

New Parliament Building: मदुरै अधीनम के 293वें प्रधान पुजारी श्री हरिहर देसिका स्वामीगल (Mr. Harihara Desika Swamigal) ने बताया है कि 28 मई को नए संसद भवन (new Parliament building) के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को राजदंड 'सेंगोल' भेंट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को वैश्विक सराहना मिली है और देश के लोगों को उन पर गर्व है. उन्होंने इसके साथ ही बताया कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर से लौटना चाहिए और उन्हें लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए. स्वामीगल ने पीएम मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए उन्हें विश्वस्तरीय नेता बताया है और इससे प्रमाणित होता है कि वह लोगों के लिए अच्छे काम कर रहे हैं.

 नए संसद भवन के उद्घाटन पर दोहराएगे इतिहास:
28 मई को, प्रधानमंत्री द्वारा नए संसद भवन (new Parliament House) के उद्घाटन के समय, एक महत्वपूर्ण इतिहास दोहराया जाएगा जब प्रधानमंत्री (Prime Minister) सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. इस अवसर पर, मदुरै अधीनम के प्रधान पुजारी पीएम मोदी (PM Modi) से मिलकर 'सेंगोल' भेंट करेंगे.  यह सेंगोल पहले जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) द्वारा 14 अगस्त की रात अपने आवास पर स्वीकृत किया गया था, जब कई नेता उपस्थित थे.

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"सेंगोल" का इतिहास:
सेंगोल एक ऐतिहासिक राजदंड है जिसका महत्वपूर्ण इतिहास है. चोल राजवंश के समय इसे सत्ता हस्तांतरण के लिए प्रयोग में लाया जाता था. 15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, और उस समय उन्होंने इस ऐतिहासिक राजदंड को प्रतीक के रूप में अपनाया था. वुम्मिदी बंगारू ज्वैलर्स (Wummidi Bangaru Jewellers) के चेयरमैन वुम्मिदी सुधाकर ने इस ऐतिहासिक राजदंड "सेंगोल" का निर्माण किया था. इसे बनाने में उन्हें एक महीना का समय लगा, और इसमें चांदी और सोने की परत चढ़ी थी. इसके निर्माण के समय उनकी आयु 14 साल थी. अब मदुरै अधीनम के पुजारी पीएम मोदी (PM Modi) को यह सेंगोल सौंपा जाएगा.

गृह मंत्री अमित शाह ने सेंगोल के बारे में बताते हुए कहा था कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत में ज्यादातर लोगों को सत्ता हस्तांतरण के दौरान हुई इस घटना की जानकारी नहीं होती है, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल सौंपा गया था. उन्होंने बताया कि उस रात को जवाहरलाल नेहरू ने तमिलनाडु (Tamil Nadu) के थिरुवदुथुराई अधीनम (Thiruvaduthurai Adheenam) (मठ) के पुजारियों से सेंगोल प्राप्त किया था.

सेंगोल स्थापित करने के लिए सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान:
केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) ने बताया है कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने अपनाया है कि सेंगोल को अमृत काल (Amrit Kaal) के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में। संसद (Parliament) का नया भवन उसी घटना का साक्षी बनेगा, जिसमें पुजारी समारोह को दोहराया जाएगा और प्रधानमंत्री को सेंगोल दिया जाएगा. 1947 में प्राप्त किया गया वही सेंगोल प्रधानमंत्री (Prime Minister) द्वारा स्थापित किया जाएगा जो अध्यक्ष के आसन के करीब होगा. इसे देश के दर्शन के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर प्रदर्शित किया जाएगा.अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि संसद भवन (Parliament House) सेंगोल स्थापित करने के लिए सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान है.

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