
Makar Sankranti 2023: आप सभी मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाते देखे ही होगे. बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई रंग बिरंगे पतंग उड़ाते दिखते हैं. मकर संक्रांति के दिन आसमान पर रंग बिरंगे पतंग नजर आते हैं. इस त्यौहार पर खिचड़ी खाने की परंपरा है.
क्या-क्या किया जाता है मकर संक्रांति के दिन:
मकर संक्रांति पर देश के कई शहरों में पतंग तो उड़ाई ही जाती है साथ ही इस दिन खिचड़ी खाई जाती है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इस दिन गुड़ और तिल के दान का विशेष महत्व माना जाता है. पतंगबाज़ी की प्रतियोगिता खासकर गुजरात जैसे शहरों में देखने को मिलती है.
पतंग उड़ाने की परंपरा:
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने की थी. पुराणों पर लिखा गया है कि जिस दिन भगवान श्री राम ने पहली बार पतंग उड़ाया था वह दिन मकर संक्रांति का ही दिन था. और ये पतंग उड़ते हुए स्वर्गलोक में इंद्र के पास जा पहुंची.
जिसपर श्री राम ने इंद्र के लिए सन्देश लिख कर उड़ाया था. इस बात का उल्लेख तमिल की तन्दनानरामायण में भी मिलता है. इस दिन कि ये भी मान्यता है कि अगर मनोकामना पतंग में लिख कर उड़ाया जाए तो वो ईश्वर तक पहुंचती है और इच्छा पूरी होती है.
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