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चट्टल भवानी शक्तिपीठ: चंद्रनाथ पर्वत पर स्थित दिव्य शक्ति का प्राचीन तीर्थ, जहाँ बाड़व कुंड से निकलती है अग्नि...

चट्टल भवानी शक्तिपीठ: चंद्रनाथ पर्वत पर स्थित दिव्य शक्ति का प्राचीन तीर्थ, जहाँ बाड़व कुंड से निकलती है अग्नि...

52 Shaktipeeths 41 Chattal Bhawani Shaktipeeth: बांग्लादेश के चटगांव जिले में स्थित चट्टल भवानी शक्तिपीठ हिंदू धर्म के 52 महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहीं पर देवी सती की दाहिनी भुजा गिरी थी। इसी कारण इस पवित्र स्थान का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। यहाँ माता को ‘भवानी’ और भैरव को ‘चंद्रशेखर’ के रूप में पूजा जाता है।

चंद्रनाथ पर्वत पर बसे दिव्य मंदिर:

यह शक्तिपीठ समुद्र-तल से लगभग 350 मीटर की ऊँचाई पर चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसा यह स्थल साधकों, भक्तों और पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है। पर्वत की चढ़ाई के दौरान भक्तों को चारों ओर शांत वातावरण और पवित्र ऊर्जा का अनुभव होता है।

पौराणिक महत्व: जहाँ गिरी थी दाहिनी भुजा:

मान्यता है कि जब भगवान शंकर माता सती के दग्ध शरीर को लेकर विचरण कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से शरीर के खंड किए। उन्हीं में से माता की दाहिनी भुजा इसी पर्वत पर गिरी, जिसके कारण यह स्थल शक्तिपीठ के रूप में स्थापित हुआ।

कैसे पहुँचे चट्टल भवानी शक्तिपीठ:

भारत से इस शक्तिपीठ तक पहुँचने का सबसे आसान मार्ग सीताकुंड रेलवे स्टेशन के माध्यम से है। निकटतम रेलवे स्टेशन सीताकुंड से ये मंदिर लगभग 2.5 किलोमीटर दूर यहाँ से पैदल या स्थानीय परिवहन द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।

आसपास के दर्शनीय एवं पवित्र स्थल:

चंद्रनाथ पर्वत क्षेत्र में कई पवित्र जलकुंड और धार्मिक स्थल भी स्थित हैं, जो इस तीर्थयात्रा को और अधिक विशेष बनाते हैं, जिसमें  सीताकुंड, व्यासकुंड, सूर्यकुंड, ब्रह्मकुंड और बाड़व कुंड  जहाँ से लगातार अग्नि निकलने की मान्यता है। इसके अलावा  लवणाक्ष तीर्थ, सहस्त्रधारा और जनकोटि शिव मंदिर इन सभी स्थानों का अपना ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।

चंद्रशेखर शिव मंदिर:

शक्तिपीठ के निकट ही चंद्रशेखर शिव का प्राचीन मंदिर स्थित है। भक्त यहाँ माता भवानी के दर्शन के साथ शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जिससे यह स्थल शिव-शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत पावन स्थान बन जाता है। चट्टल भवानी शक्तिपीठ केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम है। यहाँ की दिव्यता, पर्वत की शांति और पवित्र कुंडों का वातावरण हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करता है। श क्तिपीठ यात्रा करने वालों के लिए यह अवश्य-देखे जाने योग्य स्थान है।


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