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सुगंधा शक्तिपीठ: बांग्लादेश के बरिसाल में देवी सुनंदा का दिव्य धाम, जहां गिरी थी माता सती की नाक...

सुगंधा शक्तिपीठ: बांग्लादेश के बरिसाल में देवी सुनंदा का दिव्य धाम, जहां गिरी थी माता सती की नाक...

52 Shaktipeeths 42 Sugandha Shaktipeeth: बांग्लादेश के बरिसाल ज़िले के शिकारपुर गांव में सुगंधा नदी के तट पर स्थित सुगंधा शक्तिपीठ देवी शक्ति के 52 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहीं पर देवी सती की नाक गिरी थी, जिसके कारण यह स्थान शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत श्रद्धा और आस्था का केंद्र माना जाता है। यहां देवी को सुनंदा (या उग्रतारा) स्वरूप में पूजा जाता है।

सुगंधा नदी के किनारे स्थित शक्ति का पवित्र केंद्र:

जबकि भगवान शिव त्र्यम्बक रूप में विराजमान हैं।इस परिसर में कालभैरव का मंदिर भी स्थित है, जिन्हें शक्ति की रक्षा करने वाला स्वरूप माना जाता है, सुगंधा नदी के किनारे स्थित यह शक्तिपीठ भक्तों को दिव्य शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। नदी की बहती धारा और मंदिर की पवित्रता मिलकर एक अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण बनाती हैं।

मंदिर की आकर्षक वास्तुकला:

सुगंधा शक्तिपीठ अपने पारंपरिक और प्राचीन वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर मुख्य रूप से पत्थरों से बना है। दीवारों पर देवी-देवताओं की नक्काशीदार आकृतियाँ उकेरी गई हैं, जो प्राचीन कला की झलक दिखाती हैं। परिसर शांत, हरा-भरा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जो भक्तों के मन को instantly शांति प्रदान करता है। सुगंधा नदी के मध्य प्रवाह के पास स्थित यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राकृतिक सुंदरता से हर आगंतुक का मन मोह लेता है।

कैसे पहुँचे देवी सुनंदा धाम: 

बरिसाल से सड़क मार्ग द्वारा शिकारपुर गांव आसानी से पहुँचा जा सकता है। बरिसाल में हवाई अड्डा (Barisal Airport) उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन भी नजदीक है, जहां से सड़क मार्ग द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।


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