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टिड्डियों ने अभी तक 60 से 70 हजार हेक्टेयर फसल खराब कर दी- एक्सपर्ट्स

टिड्डियों ने अभी तक 60 से 70 हजार हेक्टेयर फसल खराब कर दी- एक्सपर्ट्स

जहां एक तरफ कोरोना के चलते देश काफी परेशान है। वहीं दूसरी तरफ इस साल टिड्डियों ने पिछले तीन दशक का सबसे बड़ा हमला बोला है। जिससे राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, एमपी, पश्चिम यूपी और महाराष्ट्र के किसान काफी डर गए हैं। वहीं हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 12 राज्यों में एडवाइजरी जारी की है। वहीं केन्द्र और राज्य सरकार की टीमें टिड्डियों के इलाकों का पता करने में लगी हैं। टिड्डियों के इलाके की पहचान करने के लिए टीमें ड्रोन, ट्रेक्टर और मिनी ट्रकों की मदद ले रही हैं।

60 से 70 हजार हेक्टेयर फसल खराब कर दी

किसान देसी तरीकों से इन टिड्डियों को भगाने में लगे हुए हैं। वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि टिड्डियों ने अभी तक 60 से 70 हजार हेक्टेयर फसल खराब कर दी है। एक्सपर्ट्स की मानें तो जो टिड्डियां आई हैं वो अंडे नहीं देने वाली हैं। वो अभी फसल खाएंगी। यह खरीफ फसल पर दूसरा अटैक कर सकती हैं। किसानों के लिए यह टिड्डियां काफी परेशानी भी खड़ी कर सकती हैं। इसी बीच आज हम आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी देने जा रहे हैं।

टिड्डियां पूरी तरह से हरियाली को खत्म कर दी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक्सपर्ट का कहना है कि यह टिड्डियां पूरी तरह से हरियाली को खत्म कर देती हैं। अभी तो यह फल और सब्जियों को नुकसान पहुंचा रही हैं। इन टिड्डियों को कहीं भी हरी पत्ती दिखाई देती है तो उन्हे ये खा जाती हैं। वहीं जो अभी टिड्डियां आई हैं यह अभी अंडे देने वाली नहीं हैं। यह अभी सिर्फ फसल खाएंगी और खुद को डेवेलप करेंगी।

टिड्डियां 2 तरह तकी होती हैं

- एक टिड्डी भूरे रंग की होती है, जो एंकात में रहती हैं और इनके बच्चे हरे रंग के होते हैं। इस तरह की टिड्डियां ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।

- दूसरी तरह की टिड्डियां दल बनाकर रहती हैं। यह काले और पीले रंग के अंडे देती हैं। इनके बच्चें एक महीने तक नहीं उड़ते हैं। यह टिड्डियां पंख मजबूत होने के बाद ही उड़ती हैं।

एक दल में 4 से 8 करोड़ टिड्डियां होती हैं

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टिड्डियों के एक दल में 4 से 8 करोड़ टिड्डियां होती हैं। वहीं इनका दल इससे भी बड़ा हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इन्होंने अपना दल कितना बड़ा बनाया है। यह एक वर्ग किमी के दायरे में फैली होती हैं। वहीं एक टिड्डी दल एक रात में 3500 लोगों के भोजन करने के बराबार खाना खा जाती हैं।

ऐसे में क्या करें

- टिड्डी दल को कैमिकल की मदद से भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए किसान पेस्टीसाइड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इतनी भारी संख्या में टिड्डियों को रोकने के लिए यही तरीका अपनाया जा सकता है। इन्हें रोकने के लिए सबसे पहले इस दल को बिखेरना बहुत जरूरी है। वहीं अगर 30 फीसद भी दल की टिड्डियों को खत्म कर दिया जाए तो इनता दल बिखर जाता है और फिर यह फसलों पर भी नहीं बैठती हैं।

- रेगिस्तान इलाकों में किसान खाई खोद देते हैं जिससे टिड्डियां यहां बैठे और अंडे दे, तो लोग उससपर मिट्टी डाल दें।

- कई बार किसान इस समस्या से निपटने के लिए इस पर पेट्रोल डालकर आग भी लगा देते हैं।

- इनसे बचने के लिए किसान खेतों की रखवाली करें।

- खेतों में धुंआ भी कर सकते हैं।

- थाली बजाकर भी टिड्डी दल को भगाया जा सकता है।

- इन्हें भगाने के लिए डीजे भी बजाया जा सकता है।

एक दिन में 120 किमी से 150 किमी तक उड़ सकती हैं

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह टिड्डियां एक दिन में 120 किमी से 150 किमी तक उड़ सकती हैं। सुबह होते ही यह बहुत जल्दी फरार होती हैं।एक्सपर्ट की मानें तो इन टिड्डियों का 64 देशों में आना जाना लगा रहता है। यह दक्षिण ईरान और दक्षिण- पश्चिम पाकिस्तान में पैदा होती हैं।

भारत में इनका आने का समय जून और जुलाई है

किसान के लिए सरकार ने इसलिए एडवाइजरी जारी की है कि क्योंकि बरसात के साथ ही रेगिस्तानी इलाकों से टिडि्डयाें का दल उड़कर पश्चिम-उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में पहुंच सकता है। वहीं भारत में इनका आने का समय जून और जुलाई का महीना है।


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