GURU GHASIDAS JAYNTI : सतनाम आस्था के प्रतीक बाबा गुरु घासीदास जी की जयन्ती प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को मनाया जाता है। गुरु घासीदास जी का आज के दिन गिरौदपुरी में हुआ था।
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उन्होंने न केवल जाति और पंथ के आधार पर असमानता का विरोध किया, बल्कि वे मूर्ति पूजा के भी खिलाफ थे। वास्तव में ये उनकी शिक्षाओं को बौद्ध धर्म और सिख धर्म के सदृश माना जाता है। यह उनकी विरासत ही है जिसे लोग 18 दिसम्बर को गुरु घासीदास जयंती के रूप में मनाते है। उनका जन्म 1756 में बलौदाबाजार के गिरौदपुरी ,मे एक गरीब किसान परिवार में हुआ था
उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर जंग लड़ी है। जिसका असर आज तक दिखाई दे रहा हैं।इनकी जन्मस्थली गिरौदपुरी धार्मिक स्थल में लोग दर्शन के लिए जाते है जहां गुरु घासीदास जी के वंशज आज भी निवासरत है।
गुरु घासीदास जी के उपदेश
- सतनाम पर अडिग विश्वास रखो
- मूर्ति पूजा मत करो
- जाति के प्रपंच में ना पड़े
- जीव हत्या मत करो
- दोपहर के समय हल ना चलाये