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Narottam Mishra : बाढ़ पीडितों के पास ट्रैक्टर से पहुंचे पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

Narottam Mishra : बाढ़ पीडितों के पास ट्रैक्टर से पहुंचे पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

Narottam Mishra : दतिया जिले में बीते तीन दिनों से जारी रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। हालांकि दतिया ज़िले में स्थानीय स्तर पर भारी वर्षा नहीं हो रही, लेकिन वास्तविक खतरा गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश से है। यही वो क्षेत्र हैं जहां से सिंध और महुअर जैसी प्रमुख नदियां निकलकर दतिया में प्रवेश करती हैं। सिंध नदी का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसके किनारे बसे गांवों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। 

ट्रैक्टर से पहुंचे नरोत्तम मिश्रा 

जिले के सेवढ़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें से एक है कोटरा गांव, जिसे सिंध नदी ने चारों ओर से घेर लिया है। गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो चुका है और आवागमन केवल नाव या ट्रैक्टर से ही संभव है। इसी संकट की घड़ी में आज मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कोटरा गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर हालात का जायज़ा लिया और प्रशासन को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। गांव तक पहुंचने के लिए उन्हें पहले मोटरबोट और फिर ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा।

क्या बोले मिश्रा?

डॉ. मिश्रा ने इस दौरान ग्रामीणों के साथ 2021 की बाढ़ को भी याद किया, जब उन्होंने इसी गांव में हेलीकॉप्टर से लटकते हुए लोगों का रेस्क्यू किया था। वह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। आज पुनः वही गांव, वही हालात और वही चुनौतियां सामने हैं। आपदा की घड़ी में भाजपा हर नागरिक के साथ खड़ी है। 2021 में भी हम यहां थे, आज भी हैं। ज़रूरत पड़ी तो और भी संसाधन जुटाएंगे

नरोत्तम मिश्रा ने की कलेक्टर से ये मांग

ग्रामीणों ने डॉ. मिश्रा से राहत शिविर, राशन वितरण और स्वास्थ्य शिविर की मांग की। इस पर उन्होंने कलेक्टर व संबंधित अधिकारियों से बात कर त्वरित कार्यवाही का भरोसा दिलाया। बता दें कि जिले के लगभग 1 दर्जन से अधिक गांव सिंध नदी के किनारे बसे हैं, और हर साल बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। स्थानीय प्रशासन ने कुछ संवेदनशील गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है और निगरानी तेज कर दी गई है। फिलहाल कोटरा सहित कई गांवों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। यदि शिवपुरी और गुना में बारिश का दौर यूं ही जारी रहा, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।


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