52 Shakti Peethas 49th Dentakali Shakti Peeth: नेपाल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल दंतकाली शक्तिपीठ आस्था, शक्ति और तंत्र साधना का एक अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र है। यह शक्तिपीठ नेपाल के सुनसरी जिले में स्थित धरान शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर बिजयपुर की पहाड़ियों पर विराजमान है। महाभारत पर्वतमाला की तलहटी में बसा यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
जानिए क्यों कहा जाता है दंतकाली शक्तिपीठ:
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवी सती ने यज्ञ कुंड में अपने प्राण त्याग दिए थे, तब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव करते हुए संपूर्ण ब्रह्मांड में विचरण करने लगे। संसार की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के अंगों को अलग किया। ऐसी मान्यता है कि देवी सती का एक दांत इसी स्थान पर गिरा था। इसी कारण इस शक्तिपीठ को ‘दंतकाली ’ दंत (दांत) + काली (देवी का स्वरूप) कहा गया है।
51 शक्तिपीठों में विशेष स्थान:
दंतकाली मंदिर को 51 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह स्थल विशेष रूप से शक्ति और तंत्र संप्रदाय से जुड़े साधकों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां देवी की उपासना काली स्वरूप में की जाती है, जो शक्ति, साहस और विनाशक ऊर्जा की प्रतीक हैं।
मंदिर की प्रमुख विशेषताएं:
मंदिर के गर्भगृह में एक विशेष चट्टान स्थित है, जिस पर दांत के आकार की चांदी की परत चढ़ी हुई है। श्रद्धालु इसे देवी सती का दांत मानकर पूजा-अर्चना करते हैं। प्राकृतिक और शांत वातावरण मंदिर चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। यहाँ से धरान शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, जो इसे ध्यान और साधना के लिए आदर्श स्थान बनाता है।
त्योहारों में उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब:
दंतकाली शक्तिपीठ में विशेष रूप से नवरात्रि, दशईं (दशहरा), तीज, स्वस्थानी पूर्णिमा सहित इन अवसरों पर भारी भीड़ उमड़ती है।
दशईं में लगता है भव्य मेला:
दशईं पर्व के दौरान यहाँ विशाल मेला लगता है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार देवी को प्रसन्न करने के लिए बकरे, मुर्गे और अन्य पशुओं की बलि भी चढ़ाई जाती है, जिसे स्थानीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख इस शक्तिपीठ का उल्लेख स्वस्थानी ब्रतकथा जैसे प्रमुख हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है, जिससे इसकी प्राचीनता और धार्मिक मान्यता और अधिक मजबूत होती है।
श्रद्धालुओं के लिए क्यों खास है दंतकाली शक्तिपीठ:
शक्ति साधना और तांत्रिक उपासना का केंद्र और नेपाल के सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल हैं। प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करता है। भारत और नेपाल से हजारों श्रद्धालुओं की आस्था दन्तकाली शक्तिपीठ न सिर्फ एक मंदिर है, बल्कि यह आस्था, शक्ति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है। देवी सती से जुड़ी पौराणिक कथा, तांत्रिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य इसे नेपाल के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में शामिल करता है। नवरात्रि और दशईं के दौरान यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का विशाल केंद्र बन जाता है।